विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हुए हमले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य और लखनऊ के शहर मुफ्ती मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (Maulana Khalid Rashid Farangi) ने शनिवार को कहा कि शरीयत की नजर में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, लिहाजा इस घटना को सही नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद साहब ने हमेशा अमन का पैगाम दिया है इसलिए मुसलमानों को उन्हीं के बताए रास्ते पर चलना चाहिए.
दूसरी ओर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि तीन दशक पहले ईरान के शिया धर्मगुरु मौलाना खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, ऐसे में अब इस घटना पर शिया समुदाय के किसी अन्य व्यक्ति का राय देना ठीक नहीं है.
मुंबई में जन्मे विवादास्पद लेखक, जिन्हें 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने के बाद वर्षों तक इस्लामवादियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा, को न्यूजर्सी निवासी 24 वर्षीय हादी मटर ने शुक्रवार को मंच पर चाकू मार दिया, जब वह एक कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे थे. रुश्दी को कार्यक्रम स्थल से सटे एक मैदान से उत्तर-पश्चिमी पेंसिल्वेनिया के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां 75 वर्षीय लेखक की सर्जरी हुई. लेखक ने अपने उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए बुकर पुरस्कार भी जीता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं