सुशील मोदी ने लालू को सजा मिलने पर कहा कि कोई कितनी ही प्रभावशाली हो अपराध करने पर सजा से नहीं बच सकता.
पटना:
राजद सुप्रीमो लालू यादव की सजा पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मैंने, शिवानंद तिवारी और ललन सिंह ने जो पुख्ता प्रमाण के साथ आरोप लगाए थे आज कोर्ट ने सजा सुनाकर उस पर मुहर लगा दी है. कोई कितना भी प्रभावशाली होने का दंभ भरता हो, सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार जैसे अपराध में समुचित सजा से बच नहीं सकता.
चारा घोटाले के एक दूसरे मामले में लालू प्रसाद को सीबीआई की रांची स्थित विशेष कोर्ट द्वारा साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में उप मुख्यमंत्री तथा इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सजा तो सजा होती है, चाहे वह साढ़े तीन साल की हो या सात साल की.
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मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और अन्य लोगों को उनके अपराध के अनुसार विधि-सम्मत सजा देने का फैसला न्यायपालिका की गरिमा के अनुकूल है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने फैसले को प्रभावित करने के अवांछित राजनीतिक दबावों से बेअसर रहकर मिसाल कायम की और संदेश दिया कि कोई कितना भी प्रभावशाली होने का दंभ भरता हो, सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार-जैसे अपराध की समुचित सजा से बच नहीं सकता. बिहार को शर्मसार करने वालों के खिलाफ जनता की अदालत भी फैसला सुनाएगी.
यह भी पढ़ें : सजा के ऐलान के बाद बाद लालू यादव का ट्वीट, 'भाजपा की राह चलने के बजाए खुशी से मरना पसंद करूंगा'
मोदी ने कई सवाल भी पूछे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले या दुर्भावना का आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाले पूर्व राज्यपाल एआर किदवई, तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और जांच को अंजाम तक पहुंचाने वाले सीबीआई के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर यूएन बिश्वास किस दल से जुड़े थे? एआर किदवई खांटी कांग्रेसी थे जबकि एचडी देवगौड़ा को लालू प्रसाद ने ही प्रधानमंत्री बनाया था और यूएन बिश्वास तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. पहली बार जब लालू प्रसाद जेल गए तो उस समय राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं. फिर लालू प्रसाद को किसने फंसा दिया? जो लोग जाति के आधार पर सजा देने का कोर्ट पर आरोप लगा रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि आज जिन्हें सात साल तक की सजा मिली है वे किस जाति के हैं?
VIDEO : लालू यादव को जेल
मोदी ने अंत में कहा कि गरीबों के नाम पर सत्ता में आए लोगों ने गरीबों का विश्वास तोड़कर गरीबों का धन लूटा. अब उन्हें बचने का बहाना छोड़कर प्रायश्चित करना चाहिए. कोर्ट की सजा ऐसे लोगों के लिए एक सबक है जो पिछड़ों, दलितों व अकलियतों के नाम पर अपने आपराधिक कृत्य को जायज ठहराने की कोशिश करते हैं.
चारा घोटाले के एक दूसरे मामले में लालू प्रसाद को सीबीआई की रांची स्थित विशेष कोर्ट द्वारा साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में उप मुख्यमंत्री तथा इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सजा तो सजा होती है, चाहे वह साढ़े तीन साल की हो या सात साल की.
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मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और अन्य लोगों को उनके अपराध के अनुसार विधि-सम्मत सजा देने का फैसला न्यायपालिका की गरिमा के अनुकूल है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने फैसले को प्रभावित करने के अवांछित राजनीतिक दबावों से बेअसर रहकर मिसाल कायम की और संदेश दिया कि कोई कितना भी प्रभावशाली होने का दंभ भरता हो, सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार-जैसे अपराध की समुचित सजा से बच नहीं सकता. बिहार को शर्मसार करने वालों के खिलाफ जनता की अदालत भी फैसला सुनाएगी.
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मोदी ने अंत में कहा कि गरीबों के नाम पर सत्ता में आए लोगों ने गरीबों का विश्वास तोड़कर गरीबों का धन लूटा. अब उन्हें बचने का बहाना छोड़कर प्रायश्चित करना चाहिए. कोर्ट की सजा ऐसे लोगों के लिए एक सबक है जो पिछड़ों, दलितों व अकलियतों के नाम पर अपने आपराधिक कृत्य को जायज ठहराने की कोशिश करते हैं.
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