विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत ने नेपाल के खिलाफ कोई आर्थिक नाकेबंदी नहीं की हैं और नरेंद्र मोदी सरकार नेपाल के संबंध के मामले में पूर्व की सरकार के रास्ते पर ही चलेगी।
सुषमा ने साफ कहा कि नेपाल एक स्वायत्त देश है और हम उसकी स्वायत्तता का सम्मान करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच मौजूदा गतिरोध का रास्ता केवल बातचीत के माध्यम से निकल सकता है। इसके लिए वे भारत अपने संसदीय प्रतिनिधिमंडल को नेपाल भेजने के लिए तैयार हैं।
हमने दवाओं की सूची मांगी, नेपाल ने नहीं दी
सोमवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री ने नेपाल की स्थिति पर चर्चा में जवाब देते सुषमा ने कहा कि भारत ने नेपाल सरकार को दवाओं की सूची देने का आग्रह किया था। हमने उन दवाओं को विशेष विमान से भेजने की भी पेशकश की थी, लेकिन अब तक नेपाल सरकार ने कोई सूची नहीं दी है। वैसे सुषमा ने माना कि भारत-नेपाल सीमा पर अभी 11 हजार से अधिक ट्रक खड़े हैं और रक्सौल-वीरगंज सीमा पर ट्रकों का आवागमन रुका है। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने दावा किया कि अन्य चेक पोस्ट से 800 से अधिक ट्रक आवश्यक सामान लेकर प्रवेश कर रहे हैं।
नए संविधान में मधेशियों के हितों की अनदेखी
हालांकि बहस में जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि नेपाल ने नए संविधान में मधेशी लोगों के हितों की जमकर अनदेखी की है। चर्चा में भाग लेते हुए कर्ण सिंह ने नेपाल के साथ रोटी और बेटी के संबंध पर प्रकाश डाला। सुषमा ने कहा कि भारत की बेटी जब शादी कर नेपाल में जाती है तब वहां विवाह अंगीभूत नागरिकता का प्रावधान था, जिसे नए सविधान में खत्म कर दिया गया है।
मणिशंकर अय्यर को आड़े हाथ लिया
कांग्रेस के सदस्य मणिशंकर अय्यर को आड़े हाथों लेते हुए विदेश मंत्री बोलीं, यह कहना गलत है कि नेपाल की आर्थिक नाकेबंदी मोदी सरकार कर रही हैं न कि भारत सरकार। उन्होंने कहा कि वे आज सदन में मोदी सरकार के मंत्री के रूप में ही जवाब दे रही हैं। मणिशंकर के भाषण पर सुषमा स्वराज ने यहां तक कहा कि इसने सौहाद्रपूर्ण माहौल में चल रही बहस को कड़वाहट में तब्दील कर दिया। सुषमा स्वराज ने अपने जवाब में कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि उसके शासनकाल में भी नेपाल के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की गई और वर्तमान गतिरोध कोई नई बात नहीं है।
सुषमा ने साफ कहा कि नेपाल एक स्वायत्त देश है और हम उसकी स्वायत्तता का सम्मान करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच मौजूदा गतिरोध का रास्ता केवल बातचीत के माध्यम से निकल सकता है। इसके लिए वे भारत अपने संसदीय प्रतिनिधिमंडल को नेपाल भेजने के लिए तैयार हैं।
हमने दवाओं की सूची मांगी, नेपाल ने नहीं दी
सोमवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री ने नेपाल की स्थिति पर चर्चा में जवाब देते सुषमा ने कहा कि भारत ने नेपाल सरकार को दवाओं की सूची देने का आग्रह किया था। हमने उन दवाओं को विशेष विमान से भेजने की भी पेशकश की थी, लेकिन अब तक नेपाल सरकार ने कोई सूची नहीं दी है। वैसे सुषमा ने माना कि भारत-नेपाल सीमा पर अभी 11 हजार से अधिक ट्रक खड़े हैं और रक्सौल-वीरगंज सीमा पर ट्रकों का आवागमन रुका है। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने दावा किया कि अन्य चेक पोस्ट से 800 से अधिक ट्रक आवश्यक सामान लेकर प्रवेश कर रहे हैं।
नए संविधान में मधेशियों के हितों की अनदेखी
हालांकि बहस में जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि नेपाल ने नए संविधान में मधेशी लोगों के हितों की जमकर अनदेखी की है। चर्चा में भाग लेते हुए कर्ण सिंह ने नेपाल के साथ रोटी और बेटी के संबंध पर प्रकाश डाला। सुषमा ने कहा कि भारत की बेटी जब शादी कर नेपाल में जाती है तब वहां विवाह अंगीभूत नागरिकता का प्रावधान था, जिसे नए सविधान में खत्म कर दिया गया है।
मणिशंकर अय्यर को आड़े हाथ लिया
कांग्रेस के सदस्य मणिशंकर अय्यर को आड़े हाथों लेते हुए विदेश मंत्री बोलीं, यह कहना गलत है कि नेपाल की आर्थिक नाकेबंदी मोदी सरकार कर रही हैं न कि भारत सरकार। उन्होंने कहा कि वे आज सदन में मोदी सरकार के मंत्री के रूप में ही जवाब दे रही हैं। मणिशंकर के भाषण पर सुषमा स्वराज ने यहां तक कहा कि इसने सौहाद्रपूर्ण माहौल में चल रही बहस को कड़वाहट में तब्दील कर दिया। सुषमा स्वराज ने अपने जवाब में कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि उसके शासनकाल में भी नेपाल के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की गई और वर्तमान गतिरोध कोई नई बात नहीं है।
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