कोरोनो वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से उपजे आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बीच व्यय विभाग ने सरकारी खर्च पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को सर्कुलर जारी किया. इसके एक दिन बाद केंद्र ने शनिवार को स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात में सरकारी नौकरियों (Government Jobs) के लिए भर्ती (Recruitment) या इनमें कटौती नहीं हो सकती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ट्वीट के कुछ घंटों के बाद यह स्पष्टीकरण आया है.
वित्त मंत्रालय ने सर्कुलर के कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए ट्वीट किया, "व्यय विभाग का चार सितंबर 2020 का सर्कुलर पदों के सृजन के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है. यह किसी भी भर्ती को प्रभावित नहीं करता है."
मंत्रालय ने यह भी कहा कि ''भारत सरकार में पदों को भरने पर कोई रोक या प्रतिबंध नहीं है. कर्मचारी चयन आयोग, यूपीएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से सामान्य भर्तियां बिना किसी प्रतिबंध के हमेशा की तरह जारी रहेंगी. ''
CLARIFICATION:
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 5, 2020
There is no restriction or ban on filling up of posts in Govt of India . Normal recruitments through govt agencies like Staff Selection Commission, UPSC, Rlwy Recruitment Board, etc will continue as usual without any curbs. (1/2) pic.twitter.com/paQfrNzVo5
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग ने चार सितंबर को जारी सर्कुलर में कुछ गैर-विकासात्मक व्यय पर "महत्वपूर्ण प्राथमिकता योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने" के लि प्रतिबंध लगा दिया है.
दस्तावेज में केंद्र ने "मंत्रालयों/ विभागों, संलग्न कार्यालयों, अधीनस्थ कार्यालयों, विधिक निकायों और स्वायत्त निकायों में व्यय विभाग की स्वीकृति के अलावा नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा की है."
राहुल गांधी ने कोरोनो वायरस की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था और सरकार के परिपत्र को लेकर उसे आड़े हाथों लिया था. राहुल गांधी ने एक समाचार को टैग करते हुए ट्वीट किया कि "मोदी सरकार की सोच न्यूनतम सरकार, अधिकतम निजीकरण है. कोविड सिर्फ एक बहाना है, सरकार की योजना सभी स्थायी कर्मचारियों से सरकारी कार्यालयों को मुक्त करना, युवाओं का भविष्य चोरी करने और अपने दोस्तों को आगे बढ़ाने की है."
मोदी सरकार की सोच -
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 5, 2020
'Minimum Govt Maximum Privatisation'
कोविड तो बस बहाना है,
सरकारी दफ़्तरों को स्थायी ‘स्टाफ़-मुक्त' बनाना है,
युवा का भविष्य चुराना है,
‘मित्रों' को आगे बढ़ाना है।#SpeakUp pic.twitter.com/Lu8BKjJ7bg
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अप्रैल-जून की अवधि में अर्थशास्त्रियों के अनुमानों की तुलना में बहुत खराब 23.9 प्रतिशत था. इसका आधिकारिक आंकड़े पिछले महीने सामने आए. कोरोनो वायरस महामारी ने प्रमुख उद्योगों को ठप कर दिया और लाखों लोग बेरोजगार हो गए.
VIDEO : अर्थव्यवस्था पर कांग्रेस का हल्ला बोल
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