
ओडिशा के फूलबनी में एक परिवार को अपनी किशोरी बेटी का शव व्हील स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा...
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बृजमोहन का आरोप है कि अस्पताल ने शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के उपाध्याय ने कहा, जांच शुरू करा दी है.
ओडिशा के फूलबनी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं.
मंझनपुर तहसील क्षेत्र के मलाक सददी गांव निवासी अनंत कुमार मजदूरी करते हैं. उनकी सात महीने की मासूम बेटी उल्टी दस्त से पीड़ित थी. मासूम को उसके मामा बृजमोहन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बृजमोहन का आरोप है कि अस्पताल ने शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया, जिसकी वजह से वह भांजी के शव को साइकिल से ही गांव लेकर गया.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के उपाध्याय ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने जांच शुरू करा दी है. जांच की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, ओडिशा के फूलबनी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं, जहां एक परिवार को अपनी किशोरी बेटी का शव व्हील स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा. एक किलोमीटर तक आगे जाने के बाद जिला प्रशासन ने पुलिस मुख्यालय के सामने पहुंचने के बाद परिवार को वाहन मुहैया कराया. परिवार ने कहा कि उन्हें वहां वाहन के लिए डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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