‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन' (एससीबीए) के अध्यक्ष आदिश सी. अग्रवाल ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ से अनुरोध किया कि अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन (22 जनवरी को) शीर्ष अदालत में सूचीबद्ध मामलों में वकीलों की गैर-मौजूदगी के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए. प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में अग्रवाल ने कहा कि न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के मंदिरों में एक साथ समारोह होंगे.
उन्होंने अपने पत्र में कहा,‘‘मैं एससीबीए की कार्यकारी समिति की ओर से यह पत्र लिख रहा हूं, ताकि आपसे अनुरोध किया जा सके कि शीर्ष अदालत की सभी पीठों को श्रीराम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के आलोक में 22 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध किसी भी मामले में गैर-उपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न करने की सलाह दी जाए. वरिष्ठ अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि समारोह सोमवार को सुबह जल्दी शुरू होगा और देर शाम तक जारी रहेगा.
उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि कई न्यायाधीशों और वरिष्ठ विधि अधिकारियों को अयोध्या में आमंत्रित किया गया है और वे प्रार्थना में भी भाग ले सकते हैं.'' अग्रवाल ने कहा कि वह भी अयोध्या में आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार सहित अधिकांश राज्य सरकारों ने नागरिकों को इस समारोह में (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) भाग लेने का अवसर प्रदान करने के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है.''
ये भी पढ़ें- जिलाधिकारी शीत लहर के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने का आदेश वापस लें: बिहार शिक्षा विभाग
ये भी पढ़ें- अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति संतोषजनक : JICA
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं