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'पीएम धन धान्य कृषि योजना कैसे बनेगा गेमचेंजर...', वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV को विस्तार से बताया 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है हमारी सरकार उन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान देने जा रही है जहां पर पैदावार उस राज्य के दूसरे जिलों की तुलना में थोड़ी कम है. हम इन जिलों में पैदावार बढ़ाने के लिए उच्च उत्पादक क्षमता वाले बीजों का इस्तेमाल करने जा रहे हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से की खास बातचीत

नई दिल्ली:

आम बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से बजट की गई घोषणाओं को लेकर खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में जिस पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई है वह आने वाले दिनों में देश के कम से कम 100 जिलों की तकदीर बदलकर रख सकती है. उन्होंने आगे कहा कि ये पीएम धनधान्य कृषि योजना एक गेमचेंजर बनने जा रहा है. मैं ऐसा इसलिए भी मानती हूं क्योंकि बीते चार से पांच साल से हम एक एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट का प्रोग्राम चला रहे हैं. इसके तहत एक राज्य के अंदर ही राज्य के ग्रोथ लेवल के पर कोई जिला नहीं है तो उसको फोकस करके हर सोशल वेलफेयर और हेल्प पैरामिटर्स को लेकर चलने के लिए पीएम मोदी ने सीधा जिला प्रशासन से बात करके 116 जिलों में ये प्रोग्राम चलाया.

'पीएम मोदी खुद लेते हैं प्रोग्रेस रिपोर्ट'

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि इसका फायदा ये हुआ कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई, मृत्यु दर में कमी आई, नवजात शिशु के मृत्यु दर में भी गिरावट आई, स्कूलों की स्थिति बेहतर हुई. अब उसको ब्लॉक स्तर पर लेकर भी जा रहे हैं. पीएम मोदी इसके लिए प्रगति प्रोग्रोम के द्वारा महीने में एक बार उसके प्रोगेस को भी चेक करते हैं. उसके (उस प्रोग्राम) जैसे ही कृषि की उत्पादक्ता बढ़ाने के लिए और इसकी वजह से किसानों पर जो दवाब बढ़ रहा है उसे भी कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है. कृषि उत्पादन में जो जिले पिछड़ रहे हैं उनको आगे लाने के लिए इस योजना के तहत काम किया जा रहा है. हम ऐसे कम से कम 100 जिलों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए उच्च उत्पादक क्षमता वाले बीजों का इस्तेमाल और किसानों को नई तकनीक से अवगत कराना साथ ही माइनर इरीगेशन को लेकर जाने की तैयारी में है. जिससे की माइग्रेशन यानी प्रवास करने की समस्या कम हो.

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'युवाओं को उनके क्षेत्र में ही देंगे रोजगार'

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इन इलाकों में जिस तरह के उद्योग की जरूरत है वैसे उद्योग लगातर वहां के युवाओं को उनके इलाके में ही रोजगार भी दिया जाए. इसके लिए उन्हें स्क्लिड भी किया जाएगा. ऐसा करने सा इन युवाकों के पास विकल्प होगा कि वह अपने इलाके में रहकर भी नौकरी या रोजगार कर पाएंगे. इसके बावजूद भी युवा अपने गांव से निकलकर किसी दूसरे शहर में जाना चाहते हैं तो वो जा सकते हैं लेकिन हमारा मकसद पहले उन्हें उनके क्षेत्र में ही रोजगार के बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने का है. 

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