निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhaya Case) के सभी दोषियों को अब 1 फरवरी को फांसी होगी. पहले उन्हें 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन दोषी फांसी से बचने के सभी कानूनी हथकंडे अपना रहे हैं. इस बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) एक दोषी पवन कुमार गुप्ता की स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करेगा. पवन का दावा है कि साल 2012 में जब यह घटना हुई थी तो वह नाबालिग था. दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया मामले में सुनवाई के दौरान पवन की इस दलील को खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोषी पवन गुप्ता की रिवीजन पिटीशन को भी खारिज कर दिया था. 17 जनवरी को पवन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी उम्र से जुड़ी याचिका दायर की. पवन के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि उसके स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार, पवन की जन्मतिथि 8 अक्टूबर, 1996 है. इस हिसाब से घटना के समय वह नाबालिग था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ, जस्टिस आर बानुमती की अगुवाई में जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना उसकी याचिका पर सुनवाई करेंगे.
Nirbhaya Case : चारों दोषियों को तिहाड़ जेल नंबर तीन में शिफ्ट किया गया, यहीं है फांसी कोठी
बताते चलें कि निर्भया गैंगरेप केस का एक नाबालिग दोषी पहले ही रिहा हो चुका है. एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. निर्भया के माता-पिता ने दोषियों की फांसी मुकर्रर होने पर खुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि 7 साल बाद उनकी बेटी को इंसाफ मिलने जा रहा है. कोर्ट ने चारों दोषियों के डेथ वारंट पर मुहर लगाते हुए 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत एक दोषी मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटीशन भी खारिज कर चुकी है. जिसके बाद उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी लेकिन राष्ट्रपति ने भी उसे खारिज कर दिया.
VIDEO: निर्भया की मां आशा देवी ने कहा- दोषियों को जल्द से जल्द मिले फांसी
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