दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के दो साल पूरे होने से पहले पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी को याद करते हुए और अपना दर्द जाहिर करते हुए सवाल किया है, "वे कहते हैं कि वह (नरेंद्र मोदी) निडर हैं... क्या वह हमें इंसाफ दिलाने में मदद करेंगे...?" उन्होंने कहा, ''मेरी बेटी मुझसे पूछती है कि मैंने उसे इंसाफ दिलाने के लिए क्या किया है... वह पूछती है कि मैं क्या कर रहा हूं, जिससे उस जैसी कई और लड़कियों को इंसाफ मिले... फिर मुझे असहाय होने का अहसास होता है और लगता है कि मैं कितना मामूली आदमी हूं...'' उन्होंने कहा कि वह 16 दिसंबर, 2012 की रात से लेकर आज तक कभी भी शांति से नहीं सो सके हैं।
16 दिसंबर कांड के सिलसिले में चार वयस्क आरोपियों - अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश - पर एक त्वरित अदालत में मुकदमा चला था, जहां 13 सितंबर, 2013 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल मार्च में उन्हें सुनाई गई मौत की सजा बरकरार रखी। अब परिवार दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार कर रहा है।
पिता ने कहा कि उनकी बेटी से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपी चार लोगों को दोषी करार दिए जाने के बावजूद जब अभी तक सजा नहीं मिली है तो हालात कैसे बदलेंगे। उन्होंने निराशा जाहिर करते हुए कहा, ''उन बलात्कारियों और हत्यारों को सूली पर लटकाने से भला कौन-सी चीज अधिकारियों को रोक रही है, जबकि सारे सबूत सामने हैं...?''
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात एक चलती बस में एक नाबालिग लड़के सहित छह लोगों ने 23 साल की एक फिजियोथेरेपी इंटर्न से सामूहिक बलात्कार किया था, और इस जघन्य वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़िता और उसके दोस्त को बस से बाहर फेंक दिया था। विशेष इलाज के लिए पीड़िता को सिंगापुर के एक अस्पताल भेजा गया था, जहां उसने 29 दिसंबर, 2012 को दम तोड़ दिया था।
'उबर' कैब के एक ड्राइवर द्वारा हाल ही में एक युवती से बलात्कार की घटना के बारे में 16 दिसंबर कांड की पीड़िता के पिता ने कहा, ''16 दिसंबर, 2012 के बाद भारत में कुछ भी नहीं बदला है... हमारे नेताओं और मंत्रियों की ओर से किए गए सारे वादे खोखले साबित हुए हैं... हमारे दुख से उन्हें चर्चा में आने का मौका मिलता है...''
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे पीड़िता के माता-पिता ने प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा भी जताई है। पिता ने कहा, ''वे कहते हैं कि वह (नरेंद्र मोदी) बड़े निडर हैं... वे यह भी कहते हैं कि वह फैसले लेने वाले नेता हैं... तो क्या वह इंसाफ दिलाने में हमारी मदद करेंगे...?''
पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्होंने निर्भया ज्योति ट्रस्ट की शुरुआत का अपना वादा निभाया, लेकिन सरकार और अधिकारी अपना वादा निभाने में नाकाम रहे। इस साल 10 मई को गैर-लाभकारी संगठन की शुरुआत की गई, ताकि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को कानूनी सहायता मुहैया कराई जाए और उनका पुनर्वास हो। परिवार अपनी बहादुर बेटी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आईटीओ स्थित ट्रस्ट के दफ्तर में एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
इस मामले के एक आरोपी ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी, जबकि नाबालिग आरोपी को दोषी ठहराने के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने उसे तीन साल की सजा सुनाई थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं