योगेंद्र यादव के परिजनों के घर पर मारा गया छापा
नई दिल्ली:
आयकर विभाग ने गुरुवार को स्वराज इंडिया प्रमुख योगेंद्र यादव के परिवार से जुड़े एक अस्पताल समूह के कई परिसरों से 27 लाख रुपये की नकदी , कई दस्तावेज और भुगतान की रसीद जब्त की है. आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल समूह के कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान 15 करोड़ रुपये के लेनदेन की रसीद भी मिली, जिनका कोई हिसाब नहीं होने का संदेह है. उन्होंने बताया कि छापेमारी अब पूरी हो चुकी है. विभाग के अधिकारियों ने चंड़ीगढ़ में बताया कि उन्हें अस्पताल समूह के मालिकों द्वारा 93 लाख रुपये की अनुमानित नकद राशि में एक भूखंड खरीदे जाने के दस्तावेज मिले हैं. इस लेनदेन की जांच की जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बुधवार सुबह शुरू की गयी छापेमारी में 29 लाख रुपये की नकदी मिली थी. इसमें से 27 लाख रुपये को बेहिसाबी होने के संदेह में जब्त कर लिया गया है.
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अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अस्पताल समूह के मुख्य साझीदार और योगेंद्र यादव के भांजे गौतम यादव द्वारा हीरे के आभूषण खरीदे जाने के बारे में अहम जानकारी मिली है. उन्होंने आरोप लगाया कि गौतम ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी से साढ़े छह लाख रुपये के आभूषण खरीदे थे, जिनमें से 3.25 लाख रुपये का भुगतान नकदी के रूप में किया गया था. गौतम ने कहा कि करीब दो साल पहले हीरे की अंगूठी की खरीद के लिए उसने अपनी पैन संख्या उपलब्ध करायी थी और यह वैध लेनदेन था. मैं इस बारे में बहुत कुछ नहीं कहूंगा.
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मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि विभाग ने तलाशी ली है और अपनी कार्यवाही शुरू की है. अब ये मामला हमारे और विभाग के बीच है. हम आरोपों का प्रतिवाद करेंगे.उनके परिसरों में नकदी की जब्ती के बारे में गौतम ने कहा कि उनके अस्पताल के जैसे बड़े अस्पतालों में कारोबार के लिए इतना नकदी होना आम बात है. उनसे पूछा गया कि नकदी की जब्ती अस्पताल से नहीं बल्कि उनके आवास से की गयी तो उन्होंने कहा कि उनका घर अस्पताल की सबसे ऊपरी मंजिल पर है.
VIDEO: योगेंद्र यादव के आरोपों पर विभाग की सफाई.
उन्होंने विभाग के अन्य आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इसी बीच योगेंद्र यादव ने कहा कि वह अस्पताल समूह के प्रवक्ता नहीं हैं और कुछ कारणों से इस प्रकरण में उनका नाम आया है. (इनपुट भाषा से)
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अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अस्पताल समूह के मुख्य साझीदार और योगेंद्र यादव के भांजे गौतम यादव द्वारा हीरे के आभूषण खरीदे जाने के बारे में अहम जानकारी मिली है. उन्होंने आरोप लगाया कि गौतम ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी से साढ़े छह लाख रुपये के आभूषण खरीदे थे, जिनमें से 3.25 लाख रुपये का भुगतान नकदी के रूप में किया गया था. गौतम ने कहा कि करीब दो साल पहले हीरे की अंगूठी की खरीद के लिए उसने अपनी पैन संख्या उपलब्ध करायी थी और यह वैध लेनदेन था. मैं इस बारे में बहुत कुछ नहीं कहूंगा.
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मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि विभाग ने तलाशी ली है और अपनी कार्यवाही शुरू की है. अब ये मामला हमारे और विभाग के बीच है. हम आरोपों का प्रतिवाद करेंगे.उनके परिसरों में नकदी की जब्ती के बारे में गौतम ने कहा कि उनके अस्पताल के जैसे बड़े अस्पतालों में कारोबार के लिए इतना नकदी होना आम बात है. उनसे पूछा गया कि नकदी की जब्ती अस्पताल से नहीं बल्कि उनके आवास से की गयी तो उन्होंने कहा कि उनका घर अस्पताल की सबसे ऊपरी मंजिल पर है.
VIDEO: योगेंद्र यादव के आरोपों पर विभाग की सफाई.
उन्होंने विभाग के अन्य आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इसी बीच योगेंद्र यादव ने कहा कि वह अस्पताल समूह के प्रवक्ता नहीं हैं और कुछ कारणों से इस प्रकरण में उनका नाम आया है. (इनपुट भाषा से)
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