गोवा में एक नाइजीरियाई नागरिक की हत्या से विवाद इतना बढ़ता जा रहा है कि कुछ स्थानीय नागरिक अब नाइजीरियाई लोगों को मकान किराए पर देने का भी विरोध करने लगे हैं। इस मुद्दे पर नाइजीरिया के उच्चायोग ने भी दखल दिया है और भारत का विदेश मंत्रालय भी उच्चायोग के संपर्क में है।
पणजी के करीब मपूसा में एक नाइजीरियाई नागरिक की धारदार हथियार से हत्या के विरोध में हाल ही में करीब 200 नाइजीरियाई नागरिकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया था और पुलिस बल के साथ हाथापाई तक की थी। इस बात से नाराज स्थानीय लोगों ने यह नाइजीरियाई लोगों का विरोध आरंभ कर दिया है।
मपूसा के एक लॉज के मालिक ने कहा कि हमने लोगों से अपील की है कि वह नाइजीरिया के लोगों को अपना घर किराए पर न दें।
उत्तरी गोवा के पर्रा गांव की पंचायत ने भी यह निर्णय लिया है कि लोग किसी भी विदेशी को किराए पर मकान न दें। पंचायत का फरमान कहता है कि अधिकतर विदेशी नाइजीरिया के हैं और इनका विरोध होना चाहिए।
इलाके में तमाम भड़काऊ पोस्टर भी लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लिखा है कि हमें गोवा में शांति चाहिए। नाइजीरियाई लोगों को न कहें, ड्रग्स को न कहें। सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि यह किसी भी प्रकार से रंगभेद से जुड़ा मामला नहीं है।
वहीं, गोवा के मंत्री ने विवादास्पद बात कही, उनका कहना है कि 98 फीसद नाइजीरिया के लोग ड्रग्स के कारोबार में लगे हैं और वह यहां पर पर्यटन और शिक्षण के नाम पर आते हैं।
गोवा सरकार के एक मंत्री दयानंद मंडरेकर ने कहा कि नाइजीरियन लोग एक प्रकार से कैंसर हैं।
गौरतलब है कि आज सुबह ही नाइजीरियाई नागरिक की हत्या के सिलसिले में एक आरोपी को गिरप्तार किया गया है। कहा जा रहा है कि इस आरोपी का ड्रग्स कारोबार से संबंध है।
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