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This Article is From Jul 06, 2021

कंप्‍यूटर में प्‍लांट किए गए थे दस्‍तावेज: स्‍टेन स्‍वामी की मौत के बाद नई रिपोर्ट में दावा

अमेरिकी फोरेंसिंक एजेंसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर में आपत्तिजनक सबूत प्‍लांट किए थे. गाडलिंग को भी, ईसाई धर्मगुरू की तरह प्रतिबंधित ग्रुप सीपीआई (माओवादी) के साथ कथित संबंध को लेकर कठोर आतंकरोधी कानून के तहत अरेस्‍ट किया गया था.   

कंप्‍यूटर में प्‍लांट किए गए थे दस्‍तावेज: स्‍टेन स्‍वामी की मौत के बाद नई रिपोर्ट में दावा
भीमा कोरेगांव मामले में हिरासत में रखे गए स्‍टेन स्‍वामी का मुंबई के अस्‍पताल में निधन हो गया
नई दिल्ली:

सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी की मौत (Stan Swamy's death) के एक दिन बाद अमेरिकी फोरेंसिंक एजेंसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर में आपत्तिजनक सबूत प्‍लांट किए थे. गाडलिंग को भी, ईसाई धर्मगुरू की तरह प्रतिबंधित ग्रुप सीपीआई (माओवादी) के साथ कथित संबंध को लेकर कठोर आतंकरोधी कानून के तहत अरेस्‍ट किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर को उसकी गिरफ्तारी के दो साल पहले ही निशाना बनाया गया था इससे इस आशंका को बल मिलता है कि स्‍वेमी के कंप्‍यूटर को भी इसी तरह टारगेट किया गया होगा. गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में हिरासत में रखे गए सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी का मुंबई के अस्‍पताल में निधन हो गया था, वे 84 साल के थे और कुछ दिन से अस्‍पताल में लाइफ सपोर्ट पर थे. 

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84 वर्षीय ईसाई धर्मगुरु और सुरेंद्र गाडलिंग उन 16 लोगों में थे जिन्‍हें मामले, जिसे भीमा-कोरेगांव केस के नाम से जाना जाता है, में आरोपी थे. स्‍टेन ने अपने कई जमानती आवेदनों में तर्क किया था कि उसके खिलाफ दंगा भड़काने और माओवादियों से संबंध रखने को लेकर पेश किए गए सुबूत 'गढ़े' गए थे. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी  NIA  ने दावा किया था कि स्‍टेन स्‍वामी और 15 अन्‍य आरोपियों ने महाराष्‍ट्र के भीमा-कोरेगांव में तीन साल पहले दंगा भड़काया था जब लाखों की संख्‍या में दलित उस ऐतिहासिक लड़ाई का जश्‍न मनाने के लिए एकत्रित हुए थे जिसमें दलितों ने उच्‍च जाति आर्मी को हराया था. आलोचकों का कहना है कि यह कठोर कानून का उपयोग सरकार ने वामपंथी बुद्धिजीवियों सहित अपने विरोधियों को टारगेट करने में किया है. 

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 NDTV के पास वह रिपोर्ट है जिसमें बोस्‍टन स्थित आर्सेनल कंसल्टिंग के निष्‍कर्षों का निचोड़ है. इस वर्ष की शुरुआत में वॉशिंगटन पोस्‍ट ने भी इसी फर्म के ऐसे ही दस्‍तावेजों के आधार पर आरोप लगाया था कि एक अज्ञात हैकर ने रोना विल्‍सन के कंप्‍यूटर 30 से अधिक डॉक्‍यूमेंट प्‍लांट किए थे. रोना मामले में आरोपी हैं.रिपोर्ट कहती है, 'यह गौर करने वाली बात है कि यह साक्ष्‍य छेड़छाड़ से संबंधित सबसे गंभीर मामलों में से एक है'

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वेबसाइट के अनुसार, आर्सेनल, बोस्‍टन मैराथन बम्‍बिंग (Boston Marathon bombing) सहित बड़ी संख्‍या में हाई प्रोफाइल केसों में काम कर चुकी है.रिपोर्ट कहती है कि उसका सिस्‍टम फरवरी 2016 से नवंबर 2017 के बीच 20 माह से अधिक समय तक हैक किया गया और इस दौरान कम से कम 14 आपत्तिजनक लेटर, उसी अटैकर द्वारा कंप्‍यूटर में प्‍लांट किए गए जिसने रोना विल्‍सन के सिस्‍टम को टारगेट करके इसे 30 फाइल्‍स प्‍लांट की थीं. सुरेंद्र गाडलिंग को करीब तीन वर्ष पहले अरेस्‍टट किया गया था और वे तब से जेल में हैं. एनआईए ने इस रिपोर्ट के बारे में यह कहते हुए कमेंट करने से नकार कर दिया है कि मामला अभी कोर्ट में विचारधीन है.  

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