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एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी, न्यूनतम वेतन, ओवर टाइम का डबल पैसा... श्रम सुधारों के ये 15 फायदे तो जान लीजिए

महिला-पुरूष भेदभाव कानूनी तौर पर मना है. समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया. महिलाओं को रात्रि पाली (Night Shift) और सभी तरह के काम (भूमिगत खनन और भारी मशीनरी सहित) करने की इजाजत है.

एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी, न्यूनतम वेतन, ओवर टाइम का डबल पैसा... श्रम सुधारों के ये 15 फायदे तो जान लीजिए
  • चार श्रम नियम के लागू होने से 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और रोजगार के नए अधिकार मिलेंगे
  • फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन, छुट्टी, चिकित्सा और ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा
  • महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन, रात्रि शिफ्ट में काम की अनुमति मिलेगी
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नई दिल्ली:

भारत सरकार द्वारा देशभर में चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्‍यवसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को लागू करने का फायदा 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को मिलेगा.श्रम मंत्रालय के मुताबिक, चार श्रम संहिताओं के लागू होने से देश में एक नया श्रम इकोसिस्टम तैयार होगा, और 15 अलग-अलग केटेगरी के वर्करों, कर्मचारियों और सेक्टरों में श्रमिकों और कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा होगा.

श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने एक आधिकारिक रिलीज़ जारी कर निम्नलिखित नए प्रावधानों को सार्वजनिक किया है:    

फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी

श्रम मंत्रालय के मुताबिक अब "फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी" को स्थायी कर्मचारियों के बराबर सभी फायदे मिलेंगे, जिसमें छुट्टी, चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं.पांच साल के बजाय सिर्फ एक साल बाद ग्रेच्युटी की योग्यता हासिल होगी. साथ ही स्थायी कर्मचारी के बराबर वेतन, इनकम और सुरक्षा भी मिलेगी.

गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक

'गिग वर्क', 'प्लेटफ़ॉर्म वर्क' और 'एग्रीगेटर्स' को पहली बार कानून में परिभाषित किया गया है. एग्रीगेटर्स को वार्षिक टर्नओवर का 1-2 प्रतिशत योगदान करना होगा, जो गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को भुगतान की गई/देय राशि के 5 प्रतिशत तक सीमित होगा.आधार-लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से वेलफेयर बेनिफिट्स आसानी से मिल जाएंगे, पूरी तरह से पोर्टेबल हो जाएंगे और प्रवास संबंधी किसी बाधा के बिना सभी राज्यों में उपलब्ध होंगे.

अनुबंध कर्मचारी को क्या होगा फायदा

फिक्स्ड-टर्म एम्प्लॉई (एफटीई) से रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी और सामाजिक सुरक्षा, स्थायी कर्मचारी के बराबर फायदे जैसे कानूनी सुरक्षा पक्की होगी. फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी एक साल की लगातार सेवा के बाद ग्रेच्युटी के हकदार हो जाएंगे. मुख्य नियोक्ता अनुबंध कामगारों को स्वास्थ्य लाभ और सामाजिक सुरक्षा लाभ देगा. कामगारों को सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच सुविधा मिलेगी.

महिला कर्मचारी के लिए क्या कुछ

महिला-पुरूष भेदभाव कानूनी तौर पर मना है. समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया. महिलाओं को रात्रि पाली (Night Shift) और सभी तरह के काम (भूमिगत खनन और भारी मशीनरी सहित) करने की इजाजत है, बशर्ते उनकी सहमति हो और सुरक्षा के जरूरी उपाय किए गए हों. शिकायत निवारण समितियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया. महिला कर्मचारियों के परिवार परिभाषा में सास-ससुर को जोड़ने का प्रावधान, डिपेंडेंट कवरेज को बढ़ाना और इनक्लूसिविटी पक्का करना.

युवा श्रमिक के लिए क्या है खास

सभी कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी है. नियुक्ति पत्र अनिवार्य- सामाजिक सुरक्षा, रोजगार विवरण और औपचारिक रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. मालिकों द्वारा मजदूरों का शोषण पर रोक — छुट्टी के दौरान मजदूरी देना अनिवार्य कर दिया गया है.अच्छा जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए, मजदूरों को केंद्र सरकार की ओर से तय की गई फ्लोर वेज के हिसाब से वेतन मिलेगा.

एमएसएमई श्रमिक को भी फायदा

सभी एमएसएमई कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के अंतर्गत शामिल, पात्रता कर्मचारियों की संख्या के आधार पर.
सभी कर्मचारियों के लिए न्‍यूनतम वेतन की गारंटी होगी. कर्मचारियों को कैंटीन, पीने का पानी और आराम करने की जगह जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.स्टैंडर्ड काम के घंटे, डबल ओवरटाइम सैलरी और भुगतान सहित छुट्टी का इंतजाम होगा. समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया गया.

बीड़ी और सिगार श्रमिक के लिए भी काफी कुछ

सभी के लिए न्यूनतम वेतन की गारंटी दी गई है. काम के घंटे हर दिन 8-12 घंटे और हर हफ्ते 48 घंटे तय किए गए हैं. ओवरटाइम तय घंटों से अधिक काम, सहमति से होगा और सामान्‍य मजदूरी से कम-से-कम दोगुना मिलेगा. समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया गया. साल में 30 दिन काम पूरा करने के बाद कर्मचारी बोनस के लिए पात्र होगा. 

बागान मजदूर के लिए क्या कुछ है खास

बागान मजदूरों को अब ओएसएचडब्‍ल्‍यूसी संहिता और सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत लाया गया है. लेबर कोड 10 से अधिक मजदूरों या 5 या उससे अधिक हेक्टेयर वाले बागानों पर लागू होते हैं. रसायनों को संभालने, स्टोर करने और इस्तेमाल करने के लिए जरूरी सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण. दुर्घटना और रसायन से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण अनिवार्य. मजदूरों और उनके परिवारों को पूरी ईएसआई मेडिकल सुविधाएं; उनके बच्चों के लिए पढ़ाई की सुविधाओं की भी गारंटी.

ऑडियो-विजुअल और डिजिटल मीडिया कामगार

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों, डबिंग आर्टिस्ट और स्टंट पर्सन समेत डिजिटल और ऑडियो-विजुअल कामगारों को अब पूरा फायदा मिलेगा. सभी कामगारों के लिए नियुक्तिपत्र अनिवार्य- जिसमें उनका पदनाम, वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अधिकार साफ-साफ लिखे हों. समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया गया. ओवरटाइम तय घंटों से ज्‍यादा काम, सहमति से होगा और सामान्‍य मजदूरी से कम-से-कम दोगुना मिलेगा.

खदान मजदूरों के लिए भी काफी कुछ है

सामाजिक सुरक्षा संहिता आने-जाने के दौरान होने वाले कुछ हादसों को रोजगार से जुड़ा मानता है, जो रोजगार के समय और जगह की शर्तों पर निर्भर करता है. केंद्र सरकार ने काम की जगह पर काम की सुरक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति को मानक बनाने के लिए मानदंड अधिसूचित किए. सभी कामगारों की स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा पक्की की जाएगी. फ्री सालाना हेल्थ चेक-अप दिया जाएगा. काम के घंटों की लिमिट हर दिन 8 से 12 घंटे और हर हफ्ते 48 घंटे तय की गई है.

खतरनाक उद्योग के श्रमिक

सालाना फ्री हेल्थ चेक-अप की सुविधा. केंद्र सरकार मजदूरों की बेहतर सुरक्षा के लिए राष्‍ट्रीय मानदंड बनाएगी. महिलाएं सभी जगहों पर काम कर सकती हैं, जिसमें अंडरग्राउंड माइनिंग, भारी मशीनरी और खतरनाक काम शामिल हैं, जिससे सभी के लिए रोजगार के समान अवसर सुनिश्चित होंगे. हर साइट पर ऑन-साइट सेफ्टी मॉनिटरिंग के लिए जरूरी सेफ्टी कमेटी और खतरनाक रसायनों की सुरक्षित हैंडलिंग पक्का करना.

वस्‍त्र उद्योग के श्रमिक के लिए क्यों है ये खास

सभी प्रवासी कामगारों (डायरेक्ट, कॉन्ट्रैक्टर-बेस्ड और खुद माइग्रेटेड) को बराबर वेतन, वेलफेयर बेनिफिट और पीडीएस पोर्टेबिलिटी बेनिफिट मिलेंगे. कामगार 3 साल तक लंबित बकाय के निपटारे के लिए दावा कर सकते हैं, जिससे सुविधाजनक और आसान समाधान मिले.ओवरटाइम काम के लिए मजदूरों को दोगुनी मजदूरी का प्रावधान है.

आईटी और आईटीईएस कर्मचारी के लिए क्या

हर महीने की 7 तारीख तक वेतन का भुगतान अनिवार्य है. पारदर्शिता और पक्का भरोसा. समान काम के लिए समान वेतन अनिवार्य किया गया, महिलाओं की भागीदारी को मजबूत किया गया. महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में काम करने की सुविधा – महिलाओं को ज्‍यादा वेतन पाने का अवसर. परेशानी, भेदभाव और वेतन से जुड़े विवादों का समय पर समाधान. फिक्स्ड-टर्म एम्प्लॉयमेंट और अनिवार्य नियुक्ति पत्र के जरिए सामाजिक सुरक्षा लाभ की गारंटी है. 

डॉक कामगार

सभी डॉक कामगारों को फॉर्मल पहचान और वैधानिक सुरक्षा मिलेगी. सामाजिक सुरक्षा लाभ की गारंटी के लिए नियुक्ति अनिवार्य पत्र. सभी के लिए प्रोविडेंट फंड, पेंशन और बीमा के लाभ सुनिश्चित किए गए हैं, चाहे अनुबंध या अस्‍थायी डॉक वर्कर ही क्‍यों न हों. नियोक्‍ता द्वारा फंडेड सालाना हेल्थ चेक-अप अनिवार्य. डॉक कामगारों को जरूरी मेडिकल सुविधाएं, फर्स्ट एड, सैनिटरी और वॉशिंग एरिया वगैरह मिलें, ताकि काम करने के अच्छे हालात और सेफ्टी पक्की हो सके.

निर्यात क्षेत्र के कर्मचारी

निर्यात सेक्टर में निर्धारित अवधि के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड (पीएफ) और अन्‍य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे.साल में 180 दिन काम करने के बाद सालाना छुट्टी लेने का विकल्‍प मिलेगा. सभी श्रमिकों को समय पर वेतन भुगतान का अधिकार और बिना इजाजत वेतन में कोई कटौती नहीं और न ही वेतन की अधिकतम सीमा पर कोई रोक. 

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