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NDTV की मुहिम... लापता मासूमों का मुजरिम कौन? इन बच्चों को आखिर कब मिलेगा इंसाफ

देश में रोज़ औसतन 174 बच्चे लापता होते हैं. लापता बच्चों में लगभग 75% लड़कियां होती हैं. डेटा के अनुसार लापता बच्चों में करीब 50% घर लौट जाते हैं. आरोपी के निशाने पर ज्यादातर 2-14 साल तक के बच्चे होते हैं. आरोपी चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए बच्चों की चोरी करते हैं.

साल 2022 में कुल 33,650 लापता हुए थे.

नई दिल्ली:

देश में हर साल हजारों बच्चे लापता हो जाते हैं. किसी भी परिवार के लिए अपने बच्चे से दूर होने से बड़ी और कोई पीड़ा नहीं हो सकती. लेकिन इस दर्द का एक और भी पहलू है. वो पहलू है चोरी किए गए बच्चों से अमानवीयता. ये बच्चे जिनके पास पहुंचाए जाते हैं. वो इन्हें बंधक बनाकर इनसे काम करवाते हैं. देह व्यापार के धंधे में धकेलते हैं, भीख मंगवाते हैं, शरीर से अंग तक निकालकर बेच देते हैं. ये घिनौना काम वर्षों से होता रहा है. NDTV ने यही स्थिति बदलने की ठानी है. इसी मुद्दे पर NDTV की आज अपनी मुहिम लाया है - 'लापता बच्चे'... 

अपनी इस ख़ास मुहिम में NDTV उन माता-पिता और परिवार तक पहुंचा. जो अपने बच्चों के लापता होने के दर्द से गुजर रहे हैं. उन लोगों से भी बात की. जो बच्चों के अधिकारों की और उन्हें गिरोहों से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार की तरफ से की जा रही कोशिशों का असर परखने की भी कोशिश हमने की है. 

आज की NDTV की मुहिम 'लापता बच्चे' के साथ आप भी जुड़ सकते हैं और हमें 7303388311 पर मैसेज कर सकते हैं. 

देश में रोज़ औसतन 174 बच्चे लापता होते हैं. लापता बच्चों में लगभग 75% लड़कियां होती हैं. लापता बच्चों में करीब 50% घर लौट जाते हैं. आरोपी के निशाने पर ज्यादातर 2-14 साल तक के बच्चे होते हैं. आरोपी चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए बच्चों की चोरी करते हैं.

क्यों होती है चाइल्ड ट्रैफिकिंग 

1.यौन शोषण
2.जबरन श्रम
3.बंधुआ मजदूरी
4.अंग व्यापार
5.भीख मंगवाना
6.नि:संतान को बेचना

लापता बच्चों की कहानी

वाराणसी, वैसे तो ये आदिदेव महादेव की आदि नगरी है. लेकिन सदियों पुराने इस शहर में ऐसे हैवान भी हैं, जो फुटपाथ के किनारे रात गुजारनेवालों को निशाना बनाते हैं और उनकी गोद से उनके सपने चुरा ले जाते हैं. 14 मई, 2023 की रात वाराणसी के रविन्द्र पुरी इलाके में कूड़ा बीनने वाले संजय पर भारी पड़ी थी. अपने परिवार के साथ सड़क किनारे सो रहे संजय के पास से बदमाश उसके चार साल के बेटे को अगवा कर गए. हालांकि पुलिस ने बाद में बच्चे को बरामद कर लिया. इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. निचली अदालत ने सबकी जमानत अर्जी खारिज कर दी. लेकिन हाई कोर्ट ने इनमें से 9 आरोपियों को जमानत दे दी. इसके खिलाफ गुड़िया नाम के एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी . गुड़िया संस्थान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सबकी जमानत निरस्त कर दी.

इससे पहले 2023 के ही 29 अप्रैल को वाराणसी के नदेसर इलाके में सड़क किनारे सो रही पिंकी के एक साल के बेटे को इसी गैंग के मेंबर्स ने अगवा किया था. 30 अप्रैल 2023 को पीड़ित परिवार ने पुलिस से बच्चे के लापता होने की शिकायत की थी. पुलिस ने जल्दी ही बच्चे को बरामद कर लिया और 10 आरोपी गिरफ्तार किए गए. निचली अदालत ने आरोपियों की जमानत खारिज कर दी. लेकिन हाई कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की जमानत खारिज कर दी. 28 मार्च 2023 को वाराणसी के अंधरापुल इलाके में भी बच्चा चोरी की ऐसी ही वारदात हुई. पुलिस ने इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया. मामला अलग-अलग अदालतों से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन हरकत में आया. वाराणसी पुलिस ने 2 साल बाद कोलकाता से बच्ची को बरामद कर लिया.

वाराणसी में 2023 में हुई बच्चा चोरी के तीनों मामलों में मिलाकर सुनवाई करते हुए आरोपियों को जमानत देने के लिए हाई कोर्ट को कड़ी फटकार भी लगाई और बेहद कड़ा फैसला भी सुना दिया.

चाइल्ड ट्रैफिकिंग रोकने के लिए कानून    

BNS की धारा 143 
एक नाबालिग की तस्करी पर 10 साल से उम्र कैद तक
एक से अधिक नाबालिगों की तस्करी पर आजीवन कारावास
गुनाह साबित होने पर जुर्माना भी भरना होगा

BNS की धारा 366A
वेश्यावृत्ति में धकेलने पर 7 साल तक की सजा 
दोष साबित होने पर जुर्माना भी भरना होगा

BNS की धारा 372 और 373
देह व्यापार के लिए खरीदने-बेचने पर 7 से 10 साल सजा 
दोष साबित होने पर जुर्माना भी भरना होगा

देश में कब कितने बच्चे लापता

1.2018- 24,429

2.2019- 29,243

3.2020- 22,222

4. 2021- 29,364

5. 2022- 33,650

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