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This Article is From Mar 18, 2024

बिहार में NDA का सीट बंटवारा : BJP, JDU और LJP कौन किस सीट से लड़ेगा चुनाव, देखें- पूरी लिस्ट

बिहार की 40 लोकसभा सीट पर कुल सात चरणों में मतदान होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे. मतगणना चार जून को होगी.

बिहार में NDA का सीट बंटवारा : BJP, JDU और LJP कौन किस सीट से लड़ेगा चुनाव, देखें- पूरी लिस्ट
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर बिहार (Bihar Lok Sabha Seats) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों का बंटवारा हो गया है. बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव में उतरेगी वहीं जदयू को 16 सीटें गठबंधन के तहत मिले हैं. बिहार एनडीए में 5 दलों को जगह दी गयी है. चिराग पासवान की पार्टी को 5 सीट, जीतन राम मांझी की पार्टी को एक सीट और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी एक सीट मिली है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी को एनडीए की तरफ से एक भी सीट नहीं दी गयी है.  लंबे समय से हाजीपुर सीट को लेकर चल रहे विवाद के बाद यह सीट चिराग पासवान के खाते में गयी है. 

बीजेपी इन सीटों पर उतरेगी चुनाव में

औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण.

जदयू के खाते की ये है 16 सीटें

बाल्मिकीनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर

लोजपा रामविलास के उम्मीदवार इन सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

 वैशाली, हाजीपुर,समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई

जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के खाते में गया की सीट गयी है
जीतन राम मांझी के खाते में गया लोकसभा सीट गयी है. गया लोकसभा सीट से लगातार जीतन राम मांझी चुनाव लड़ते रहे हैं. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली है. पिछले चुनाव में जब वो महागठबंधन के उम्मीदवार थे तो उन्हें हार का सामना जदयू के उम्मीदवार से करना पड़ा था. 

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी काराकाट लोकसभा सीट से मैदान में उतरेगी
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी महज एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है. कुशवाहा की मांग 3 सीटों की थी. 2014 के चुनाव में एनडीए में रहते हुए उन्हें तीन सीटें मिली थी. 2019 के चुनाव में वो महागठबंधन में शामिल हो गए थे. काराकाट की सीट पर पिछले चुनाव में उन्हें जदयू के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था. 

पशुपति कुमार पारस और मुकेश सहनी को नहीं मिली जगह
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस लंबे समय से अपनी पार्टी को ही असली लोजपा बताते रहे थे. उनकी मांग थी कि उन्हें एनडीए की तरफ से 5 सीटें दी जाए. हालांकि एनडीए की तरफ से उन्हें एक भी सीट नहीं दी गयी. चर्चा यह है कि पशुपति पारस को राज्यपाल बनने का ऑफर बीजेपी की तरफ से दिया गया है. वहीं मुकेश सहनी भी लंबे समय से एनडीए से सीट हासिल करने की जुगत में बताए जा रहे थे. हालांकि उनकी VIP पार्टी की एनडीए में एंट्री नहीं हो पायी. 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव में उतरी थी. हालांकि चुनाव के कुछ दिनों के बाद उनके विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. 

जदयू के हाथ से निकला गया, काराकाट
नीतीश कुमार की पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर उतरी थी जिनमें से 16 सीटों पर उसे जीत मिली थी. इस बार जदयू को 16 सीटें मिली है. जदयू को गया और काराकाट की सीट जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के लिए छोड़ना पड़ा है. वहीं जदयू को शिवहर की सीट मिली है. 

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