देश की सबसे पुरानी कांग्रेस इस समय अद्भुत संकट से गुजर रही है. लगभग दो महीने पहले मध्य प्रदेश में वह अपने विधायकों को बचाने की कोशिश कर रही थी तो अब गुजरात की चार सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव से पहले इस राज्य में पार्टी अपने विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिश रही है. अब खबर आ रही है कि गुजरात में शरद पवार की पार्टी एनसीपी के एक मात्र विधायक कांग्रेस के प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करेंगे या नहीं यह भी तय नहीं है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'एनसीपी ने की ओर से विधायक के लिए व्हिप जारी कर दिया गया है कि वो कांग्रेस को वोट करे लेकिन यह अलग मुद्दा है कि वह दिए गए निर्देश के मुताबिक ही वोट करेगा.'
आपको बता दें कि कांग्रेस के 65 विधायकों में से 19 को राजस्थान के एक रिसॉर्ट पहुंचा दिया गया है. इससे पहले 3 विधायकों ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. पार्टी को इस बात की आशंका है कि कहीं और विधायक भी इस्तीफा न दे दें. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी 26 विधायकों को राजस्थान के माउंट आबू स्थित वाइल्ड विंड्स नाम के रिसॉर्ट में पहुंचाने की तैयारी में है. राजस्थान में विधायक इसलिए सुरक्षित रहेंगे क्योंकि वहां कांग्रेस का शासन है.
इसके अलावा बाकी विधायकों को भी दो समूहों में बांटकर अलग-अलग जगह पहुंचा दिया गया है. सौराष्ट्र के क्षेत्र के विधायकों को राजकोट स्थित एक रिसॉर्ट में टिकाया गया है. वहीं एक दूसरे विधायकों को आणंद के एक रिसॉर्ट में पहुंचा दिया गया है.
गौरतलब है कि 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं.राज्यसभा के एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत है. बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रामीलाबेन बारा तथा नरहरि अमीन को उतरा है. कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 65 हो जाने के बाद पार्टी को दो राज्यसभा सीटें जीतने में मुश्किल आ सकती है, जिनके लिए उसने वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल को उतारा है. कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि सोलंकी, गोहिल के बाद दूसरी प्राथमिकता में हैं.
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