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This Article is From Apr 15, 2022

एनबीसीसी की बनाई हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट ही झेल रहे दुर्दशा, कोई सुनवाई नहीं

2010 में इस तरह के ब्राशर के जरिये लोगों को फ्लैट्स के सपने बेचे गए. लेकिन महज 7 साल बाद अब फ्लैट्स इस तरह के दिख रहे हैं.सोसायटी का STP प्लांट खराब है. लिहाजा सीवर के निकासी से लेकर साफ पानी के सप्लाई तक की कोई व्यवस्था नहीं है.

एनबीसीसी की बनाई हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट ही झेल रहे दुर्दशा, कोई सुनवाई नहीं
UP के बागपत में एनबीसीसी ने निजी बिल्डर के साथ मिलकर बनाई हाउसिंग सोसायटी
बागपत:

बागपत के खेकड़ा में एनबीसीसी (NBCC) ने एक प्राइवेट बिल्डर के साथ मिलकर 2010 में 1300 फ्लैट्स बनाया.लॉटरी सिस्टम के जरिये लोगों को 2015 में फ्लैट अलॉट किए गए. लेकिन ये आज ये हाउसिंग सोसायटी भूतों का शहर बन गई हैं. टाउनशिप में 2010 में चंद्रकला नैंटा ने बुकिंग करवाई और फ्लैट 2015 में मिला.लेकिन हर महीने करीब 2300 रुपये मेंटेनेंस चार्ज देने के बावजूद सोसायटी के फ्लैट रखरखाव न होने के चलते जर्जर हो रहे हैं. चंद्रकला के हाथों में सैकड़ों पन्ने की शिकायत है जो दर्जनों विभागों में दे चुके हैं.लेकिन नतीजा सिफर रहा. नैंटा का कहना है कि न कोई सोसायटी बना रहे हैं, न मेंटेनेंस का हिसाब दे रहे हैं. ऐसा कोई विभाग नहीं होगा, जहां हमने शिकायत नहीं दी होगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. दिल्ली से महज से 30 किमी दूर ये सरकार की नवरत्न कंपनी एनबीसीसी की टाउनशिप है.

2010 में इस तरह के ब्राशर के जरिये लोगों को फ्लैट्स के सपने बेचे गए. लेकिन महज 7 साल बाद अब फ्लैट्स इस तरह के दिख रहे हैं.सोसायटी का STP प्लांट खराब है. लिहाजा सीवर के निकासी से लेकर साफ पानी के सप्लाई तक की कोई व्यवस्था नहीं है. सुविधाओं की कमी के चलते 1300 फ्लैट्स में से महज 300 फ्लैट्स में ही लोग रहते हैं बाकी खाली पड़े हैं. भूमिगत पानी जो आ रहा है व पीने लायक नहीं है. बिजली का चार्ज हमसे कामार्शियल लिया जा रहा है.

सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. नौकरी में रहते हुए बीके गुप्ता ने यहां 26 लाख रुपये का फ्लैट बुक कराया था लेकिन खराब हालत होने के बावजूद रिटायरमेंट के बाद फ्लैट में रहना उनकी मजबूरी है. NBCC सोसायटी को लेकर उन्होंने कहा, मैं रिटायर हो चुका हूं. मैं चाहकर भी दूसरा नहीं ले सकता हूं इससिए यहां पड़ा हूं. गुप्ता ने कहा, हमने इस मामले पर एनबीसीसी से बात करने की कोशिश की.

सोसायटी में एनबीसीसी के इंजीनियर कैमरा देखते ही भागने लगे.लेकिन सोसायटी के लोगों ने रोक लिया ?तुम ऐसे नहीं भाग सकते हो बताओं कि काम क्यों नहीं हो रहा है.एनबीसीसी इंजीनियर सुमित ने कहा, सर मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता हूं, लेकिन अब इनकी बात सुनी जा रही है. दिल्ली एनसीआर में बिल्डरों के फ्रॉड और घटिया निर्माण की अनेकों कहानियां है.लेकिन अगर एनबीसीसी जैसी कंपनियां भी इस तरह का काम करे तो घर का सपना संजोए लोग कहां जाएंगे.

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