नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुंचने देगी और अगर समुद्री डकैती का प्रयास किया गया तो वह ‘‘बहुत कड़ा'' सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पोत तैनात हैं और तीन से चार पोत सोमालिया के पास हैं.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना संकट में फंसे भारतीयों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए उत्तरी अरब सागर और लाल सागर में भी ड्रोन विरोधी अभियान चला रही है.
उन्होंने पुणे जिले के चाकन में ‘निबे डिफेंस और एयरोस्पेस' के एक विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि भारतीय नौसेना समुद्री डकैती की कोई भी जानकारी मिलने पर कड़ी कार्रवाई कर रही है.
शीर्ष नौसेना कमांडर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती से निपटने के लिए मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ मिलकर काम करती है.
उन्होंने कहा, ‘‘अभी, हम बड़े पैमाने पर सूचना एक-दूसरे को आदान-प्रदान करने के माध्यम से प्राप्त करते हैं. हम हिंद महासागर क्षेत्र में सबसे बड़ी ‘रेजीडेंट' नौसेना शक्ति हैं और हम किसी को भी इस क्षेत्र में सुरक्षा एवं स्थिरता को बाधित नहीं करने देंगे.''
नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम कह चुके हैं कि समुद्री डकैती नहीं होगी और हम समुद्री डकैती करने की कोशिश करने वाले हर व्यक्ति को बहुत कड़ा सबक सिखाएंगे.''
भारतीय नौसेना द्वारा कुछ पाकिस्तानियों को समुद्री डकैती के प्रयास से बचाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र में, जो भी संकट में है, हमें उसकी मदद करनी होती है, इसलिए हम संकोच नहीं करते और हमने उन्हें समुद्री लुटेरों से बचाया है. उन्हें समुद्री डाकुओं द्वारा बंधक बना लिया गया था.''
मछली पकड़ने के ईरानी ध्वज वाले पोत पर समुद्री डाकुओं ने हमला कर 19 पाकिस्तानियों को बंधक बना लिया था, जिन्हें भारतीय युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने पिछले महीने सोमालिया के पूर्वी तट से मुक्त कराया था.
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