नई दिल्ली:
चलती बस में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और क्रूरता से गुस्साए लोगों ने शुक्रवार को दिल्ली सहित देशभर में प्रदर्शन किया। इस बीच छठे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जिस पर अदालत ने असंतोष जताया। पीड़ित युवती की जिंदगी अभी भी खतरे में है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बिहार के औरंगाबाद जिले से मामले के छठे एवं अंतिम आरोपी अक्षय ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। पांच अन्य पहले ही पुलिस हिरासत में हैं।
पीड़ित युवती को न्याय दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली के लोगों, खासकर महिलाओं ने राष्ट्रपति भवन, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के आवास, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास और सफदरजंग अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया।
पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं एवं विद्यार्थियों ने दिल्ली के रायसीना हिल की तरफ मार्च किया। प्रदर्शनकारी, 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाते हुए राष्ट्रपति भवन के गेट नम्बर-दो पर पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी के वाहन को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी जाए।
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की भीड़ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आधिकारिक आवास में घुसने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन्हें इंडिया गेट की तरफ मोड़ दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "लगभग 250 प्रदर्शनकारी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र राष्ट्रपति भवन के बाहर एकत्र हो गए। हमने उन्हें इंडिया गेट की ओर मोड़ दिया।"
वाईडब्ल्यूसीए की एक छात्रा स्वाती एक पर्ची देकर किसी तरह गेट में प्रवेश कर गई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे वहीं से लौटा दिया।
स्वाती ने कहा, "वे हमारी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करते और जब हम न्याय मांगने आए हैं, वे कहते हैं कि राष्ट्रपति भवन में प्रवेश के लिए अनुमति लेने की जरूरत है। इतना जघन्य अपराध किया गया और वे हम से प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने की अपेक्षा रखते हैं।"
प्रदर्शनकारियों के दूसरे समूह ने दक्षिणी दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के निकट प्रदर्शन किया, जहां पीड़िता अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
एक अन्य समूह ने नवगठित आम आदमी पार्टी के बैनर तले मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना दिया। कई लोगों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया।
इस बीच घरेलू मामले से सम्बंधित संसद की स्थायी समिति ने महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और राजधानी की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर 27 दिसम्बर को चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह और दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को सम्मन किया।
बिहार में भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। पटना में शुक्रवार को कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने सुबह बेली रोड पर लम्बी मानव श्रृंखला बनाई। पोस्टर-बैनर लिए ये छात्र दोषियों को फांसी से भी सख्त सजा देने की मांग कर रहे थे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पीड़ित युवती के जल्द स्वस्थ होने के लिए महामृत्युंजय जाप किया गया। महाकाल के दरबार में शुक्रवार को कई पुजारियों ने मिलकर महामृत्युंजय का जाप किया।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी महिला संगठनों तथा छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया। लखनऊ के हजरतगंज स्थित पटेल पार्क में लखनऊ विश्वविद्यालय और कई अन्य कॉलेजों की छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी के अलावा बरेली, शाहजहांपुर, आगरा और बलिया में भी छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
इस घटना पर मुम्बई में मुस्लिम मौलानाओं के एक समूह ने भी नाराजगी जताई है। पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए मौलानाओं ने एक बयान में कहा, "दिल्ली का सामूहिक बलात्कार डरावना और दिल दहला देने वाली घटना है। मौजूदा पूंजीवादी, पुरुषप्रधान सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाने पर ही ऐसे अपराध पर काबू पाया जा सकता है।"
इधर, दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने पीड़िता की आंत का मुफ्त प्रत्यारोपण करने की पेशकश की।
युवती का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा है कि वे पीड़िता को सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं, उसका जीवन खतरे में है। उसकी आंत के एक क्षतिग्रस्त हिस्से को निकालने के लिए ऑपरेशन हुआ है और इस कारण उसमें संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
दूसरी ओर, शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट से खंडपीठ संतुष्ट नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं है कि जहां युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ उस इलाके में कौन-कौन से पुलिस अधिकारी गश्त पर थे।
अदालत ने शहर की फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थिति पर भी अफसोस जताया और उनमें तुरंत सुधार लाने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा, "हमने पूर्व के आदेश में पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया था कि वह ऐसी रिपोर्ट दाखिल करें जिसमें यह ब्योरा हो कि इलाके में कौन-कौन से पुलिस अधिकारी गश्त पर थे और पुलिस ने क्या कार्रवाई की।"
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील नज्मी वजीरी ने विस्तृत रिपोर्ट के लिए और समय मांगा। उन्होंने कहा, "हम तथ्य जुटा रहे हैं। विस्तृत रिपोर्ट अगले दिन दाखिल करेंगे।"
इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की तारीख नौ जनवरी, 2013 तय कर दी और कहा, "हम स्पष्ट रूप से बता देना चाहते हैं कि रिपोर्ट बिना देरी किए दाखिल होनी चाहिए।"
अदालत ने दिल्ली सरकार से पीड़ित युवती और उसके मित्र को बेहतर इलाज मुहैया कराने को कहा तथा यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़े और संभव हो तो उन्हें किसी सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कराया जाए।
अदालत ने पूर्व में इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि वह मामले की निगरानी करेगी और दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार से दो दिन के भीतर यह बताने को कहा था कि वारदात की रात पुलिस चौकियों पर कौन-कौन से पुलिस अधिकारी तैनात थे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में गत रविवार को एक चलती बस में छह लोगों ने एक युवती के साथ बेरहमी से मारपीट करने कि बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसे बचाने का प्रयास करने वाले उसके पुरुष मित्र को भी पीटा गया। लगभग 40 मिनट बाद पीड़ित युवती और उसके मित्र को बस से फेंक दिया गया।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बिहार के औरंगाबाद जिले से मामले के छठे एवं अंतिम आरोपी अक्षय ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। पांच अन्य पहले ही पुलिस हिरासत में हैं।
पीड़ित युवती को न्याय दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली के लोगों, खासकर महिलाओं ने राष्ट्रपति भवन, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के आवास, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास और सफदरजंग अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया।
पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं एवं विद्यार्थियों ने दिल्ली के रायसीना हिल की तरफ मार्च किया। प्रदर्शनकारी, 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाते हुए राष्ट्रपति भवन के गेट नम्बर-दो पर पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी के वाहन को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी जाए।
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की भीड़ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आधिकारिक आवास में घुसने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन्हें इंडिया गेट की तरफ मोड़ दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "लगभग 250 प्रदर्शनकारी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र राष्ट्रपति भवन के बाहर एकत्र हो गए। हमने उन्हें इंडिया गेट की ओर मोड़ दिया।"
वाईडब्ल्यूसीए की एक छात्रा स्वाती एक पर्ची देकर किसी तरह गेट में प्रवेश कर गई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे वहीं से लौटा दिया।
स्वाती ने कहा, "वे हमारी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करते और जब हम न्याय मांगने आए हैं, वे कहते हैं कि राष्ट्रपति भवन में प्रवेश के लिए अनुमति लेने की जरूरत है। इतना जघन्य अपराध किया गया और वे हम से प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने की अपेक्षा रखते हैं।"
प्रदर्शनकारियों के दूसरे समूह ने दक्षिणी दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के निकट प्रदर्शन किया, जहां पीड़िता अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
एक अन्य समूह ने नवगठित आम आदमी पार्टी के बैनर तले मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना दिया। कई लोगों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया।
इस बीच घरेलू मामले से सम्बंधित संसद की स्थायी समिति ने महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और राजधानी की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर 27 दिसम्बर को चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह और दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को सम्मन किया।
बिहार में भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। पटना में शुक्रवार को कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने सुबह बेली रोड पर लम्बी मानव श्रृंखला बनाई। पोस्टर-बैनर लिए ये छात्र दोषियों को फांसी से भी सख्त सजा देने की मांग कर रहे थे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पीड़ित युवती के जल्द स्वस्थ होने के लिए महामृत्युंजय जाप किया गया। महाकाल के दरबार में शुक्रवार को कई पुजारियों ने मिलकर महामृत्युंजय का जाप किया।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी महिला संगठनों तथा छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया। लखनऊ के हजरतगंज स्थित पटेल पार्क में लखनऊ विश्वविद्यालय और कई अन्य कॉलेजों की छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी के अलावा बरेली, शाहजहांपुर, आगरा और बलिया में भी छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
इस घटना पर मुम्बई में मुस्लिम मौलानाओं के एक समूह ने भी नाराजगी जताई है। पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए मौलानाओं ने एक बयान में कहा, "दिल्ली का सामूहिक बलात्कार डरावना और दिल दहला देने वाली घटना है। मौजूदा पूंजीवादी, पुरुषप्रधान सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाने पर ही ऐसे अपराध पर काबू पाया जा सकता है।"
इधर, दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने पीड़िता की आंत का मुफ्त प्रत्यारोपण करने की पेशकश की।
युवती का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा है कि वे पीड़िता को सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं, उसका जीवन खतरे में है। उसकी आंत के एक क्षतिग्रस्त हिस्से को निकालने के लिए ऑपरेशन हुआ है और इस कारण उसमें संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
दूसरी ओर, शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट से खंडपीठ संतुष्ट नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं है कि जहां युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ उस इलाके में कौन-कौन से पुलिस अधिकारी गश्त पर थे।
अदालत ने शहर की फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थिति पर भी अफसोस जताया और उनमें तुरंत सुधार लाने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा, "हमने पूर्व के आदेश में पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया था कि वह ऐसी रिपोर्ट दाखिल करें जिसमें यह ब्योरा हो कि इलाके में कौन-कौन से पुलिस अधिकारी गश्त पर थे और पुलिस ने क्या कार्रवाई की।"
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील नज्मी वजीरी ने विस्तृत रिपोर्ट के लिए और समय मांगा। उन्होंने कहा, "हम तथ्य जुटा रहे हैं। विस्तृत रिपोर्ट अगले दिन दाखिल करेंगे।"
इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की तारीख नौ जनवरी, 2013 तय कर दी और कहा, "हम स्पष्ट रूप से बता देना चाहते हैं कि रिपोर्ट बिना देरी किए दाखिल होनी चाहिए।"
अदालत ने दिल्ली सरकार से पीड़ित युवती और उसके मित्र को बेहतर इलाज मुहैया कराने को कहा तथा यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़े और संभव हो तो उन्हें किसी सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कराया जाए।
अदालत ने पूर्व में इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि वह मामले की निगरानी करेगी और दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार से दो दिन के भीतर यह बताने को कहा था कि वारदात की रात पुलिस चौकियों पर कौन-कौन से पुलिस अधिकारी तैनात थे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में गत रविवार को एक चलती बस में छह लोगों ने एक युवती के साथ बेरहमी से मारपीट करने कि बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसे बचाने का प्रयास करने वाले उसके पुरुष मित्र को भी पीटा गया। लगभग 40 मिनट बाद पीड़ित युवती और उसके मित्र को बस से फेंक दिया गया।
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