NASA Space Apps Challenge 2025 Winner: इंडियन इंटेलिजेंस ने एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सबसे बड़े ग्लोबल हैकाथॉन में भारत की एक टीम ने 167 देशों के प्रतिभागियों को धूल चटाते हुए पहला स्थान हासिल किया है. इस जीत के साथ ही भारत के उन 70 करोड़ लोगों के लिए उम्मीद जगी है, जो आज भी तेज इंटरनेट के लिए तरस रहे हैं.
चेन्नई के 6 युवाओं को मिला 'मोस्ट इंस्पिरेशनल अवॉर्ड'
नासा की तरफ से जारी परिणामों के अनुसार, चेन्नई की टीम ‘फोटोनिक्स ओडिसी' (Photonics Odyssey) ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में बाजी मारी है. इस टीम में मनीष डी, एमके, प्रशांत जी, राजालिंगम एन, राशि एम और शक्ति आर जैसे प्रतिभाशाली युवा शामिल हैं. इन युवाओं ने एक ऐसा सैटेलाइट इंटरनेट कॉन्सेप्ट पेश किया है, जिसने नासा के वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया. इनकी इस उपलब्धि के लिए इन्हें नासा का प्रतिष्ठित ‘मोस्ट इंस्पिरेशनल अवॉर्ड' दिया गया है.
Congrats to the 2025 NASA #SpaceApps Challenge Global Winners🏆🚀
— NASA International Space Apps Challenge (@SpaceApps) December 18, 2025
Meet the 10 winning teams selected from 11,500+ projects! These projects awarded in storytelling, data, local impact & more showcase how @NASA data can inspire anyone, anywhere: https://t.co/U6SNH6JIhL
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क्या है यह 'धाकड़' आइडिया? (Satellite Internet as Public Utility)
अभी तक सैटेलाइट इंटरनेट (जैसे एलन मस्क की स्टारलिंक) को एक महंगी निजी सेवा के रूप में देखा जाता है. लेकिन भारतीय टीम ने इस सोच को ही बदल दिया. इंडियन टीम ने सुझाव दिया कि सैटेलाइट इंटरनेट को निजी बिजनेस के बजाय एक 'सार्वजनिक सुविधा' (Public Utility) बनाया जाना चाहिए. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य भारत के उन 700 मिलियन लोगों तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाना है, जो अभी भी डिजिटल दुनिया से कटे हुए हैं. यह मॉडल न केवल सस्ता होगा, बल्कि देश के सबसे दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में भी बिजली जैसी रफ्तार से इंटरनेट पहुंचाएगा.
कैसे किया गया विनर का सिलेक्शन?
नासा का '2025 इंटरनेशनल स्पेस ऐप्स चैलेंज' वैश्विक स्तर पर अब तक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक आयोजन साबित हुआ है. इस 'महाकुंभ' की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें दुनिया के 167 देशों और क्षेत्रों से 1,14,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता के दौरान वैश्विक स्तर पर 551 स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें से विशेषज्ञों के सामने 11,500 से ज्यादा इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पेश किए गए. नासा और उसके सहयोगी संगठनों के विशेषज्ञों ने इन हजारों प्रस्तावों की बारीकी से जांच करने के बाद ही विजेताओं का चयन किया.
'एस्ट्रो स्वीपर्स' ने जीता गैलेक्टिक इम्पैक्ट अवॉर्ड
सिर्फ चेन्नई की टीम ही नहीं, बल्कि भारतीय मूल के अन्य छात्रों ने भी नासा में परचम लहराया. ‘एस्ट्रो स्वीपर्स' नामक टीम ने ‘गैलेक्टिक इम्पैक्ट अवॉर्ड' जीता. इस टीम ने पृथ्वी की निचली कक्षा (Lower Earth Orbit) में बढ़ रहे कचरे और तकनीकी-कानूनी समस्याओं को सुलझाने का बेहतरीन समाधान पेश किया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं