गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगों के मामले में दोषी माया कोडनानी की अस्थायी जमानत याचिका चिकित्सकीय आधार पर मंजूर कर ली।
कोडनानी ने छह महीने की अस्थायी जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति के एस झावेरी और न्यायमूर्ति केजे ठाकर की खंडपीठ ने तीन महीने की जमानत मंजूर कर ली।
कोडनानी के वकील हार्दिक दवे ने अदालत में दलील दी कि कोडनानी आंत के क्षय रोग के अलावा हृदय संबंधी बीमारी और अवसाद से पीड़ित हैं।
वकील ने इन स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए छह महीने की जमानत मंजूर किए जाने की अपील की और अदालत में प्रासंगिक चिकित्सकीय दस्तावेज भी जमा किए।
दंगा मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हालांकि यह कहते हुए जमानत याचिका का विरोध किया कि जेल की नियमावली के आधार पर कोडनानी को उपचार मुहैया कराया जा
सकता है। अदालत ने दस्तावेज देखने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोडनानी की तीन महीने की सशर्त जमानत मंजूर कर ली।
अदालत ने कोडनानी से कहा कि वह उपचार के लिए गुजरात के बाहर जाने पर एसआईटी को इस संबंध में विस्तृत जानकारी देगी।
एसआईई की एक विशेष अदालत ने यहां नरोदा पाटिया में 2002 में हुए दंगों के मामले में भाजपा विधायक कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी और 29 अन्य दोषियों को अगस्त 2012 को
आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इन दंगों में 97 लोग मारे गए थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं