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देश को खास मौके पर मिल रहा INS Vikrant, स्‍वदेश निर्मित इस विमान वाहक पोत से जुड़ी 10 बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को दो सितंबर को नौसेना में शामिल करेंगे. प्रधानमंत्री यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के अंदर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित इस विमान वाहक पोत को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे.

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कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से विमान वाहक पोत भारतीय नौसेना में शामिल होगा.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को दो सितंबर को नौसेना में शामिल करेंगे. प्रधानमंत्री यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के अंदर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित इस विमान वाहक पोत को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे.

आईएनएस विक्रांत से जुड़ी 10 खास बातें

  1. यह विमान वाहक पोत ऐसे समय मिल रहा है जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है.
    समुद्री परीक्षण के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को सीएसएल से इस विमान वाहक पोत को हासिल किया था.  
  2. समाचार एजेंसी ने बताया, ‘‘कार्यक्रम को दो सितंबर को सीएसएल जेटी में आयोजित किया जाना है. भारत के पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के सेवानिवृत्त कर्मचारी, रक्षा, जहाजरानी मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तैयार हैं."
  3. कार्यक्रम में 1500-2000 लोगों की उपस्थिति की संभावना है. आईएसी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा. 
  4. विमान वाहक पोत के लिए लड़ाकू विमानों को लाया गया है. यह मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और एमएच-60आर बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर का संचालन करने के लिए तैयार है.
  5. ‘विक्रांत' की आपूर्ति के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी विमान वाहक पोत को डिजाइन करने समेत इसके निर्माण की क्षमता है. 
  6. भारतीय नौसेना की शाखा नवल डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) द्वारा डिजाइन किए गए इस विमान वाहक पोत का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीएसएल ने किया है.
  7. इसमें 2,300 से अधिक डिब्बे हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के दल के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं.
  8. विक्रांत की अधिकतम गति लगभग 28 समुद्री मील है और इसकी लंबाई 262 मीटर है. यह 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है. इसका निर्माण वर्ष 2009 में शुरू हुआ था. 
  9. विक्रांत का ‘उड़ान डेक' दो फुटबॉल मैदानों के बराबर है. यदि कोई विक्रांत के गलियारों से होकर चले तो उसे आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. 
  10. इससे 30 एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर ऑपरेट कर सकते हैं. अभी नौसेना के पास रूस से खरीदा गया आईएनएस विक्रमादित्य है. 

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