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This Article is From Aug 28, 2023

मुजफ्फरनगर : छात्रों से दूसरे छात्र को पिटवाने का मामला, प्रशासन ने शुरू की स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई

NDTV ने गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल का जब दौरा किया तो पता चला की वहां कुल 6 क्लास चलती हैं, जबकि कमरे केवल चार हैं. इसी के चलते बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा है.

मुजफ्फरनगर : छात्रों से दूसरे छात्र को पिटवाने का मामला, प्रशासन ने शुरू की स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई
मुजफ्फरनगर के स्कूल की रद्द हो सकती है मान्यता
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में शिक्षिका द्वारा छात्रों से छात्र की पिटाई कराने के मामले में अब प्रशासन एक्शन मोड में दिख रहा है. NDTV को मिली जानकारी के अनुसार छात्र की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रशासन ने उस स्कूल की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. साथ में यह भी कहा गया है कि उस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को दूसरे स्कूल में दाखिला दिलवाया जाएगा. बता दें कि NDTV ने सोमवार को संबंधित स्कूल का भी दौरा किया जहां यह घटना हुई थी. 

NDTV ने किया उस गांव का दौरा

NDTV ने सोमवार को उस गांव का भी दौरा किया जहां यह स्कूल है. गांव का दौरा करने के बाद पता चला कि इस गांव में इसे मिलाकर सिर्फ दो ही स्कूल हैं. जिस स्कूल में यह घटना हुई है उसके अलावा गांव में एक और स्कूल है लेकिन उसमें सिर्फ 5वीं तक की ही पढ़ाई होती है. यह दूसरा स्कूल सरकारी है. इस सरकारी प्राइमरी स्कूल का जब NDTV ने दौरा किया तो पाया कि वहां पहले ही कमरों की कमी है, जिसके चलते बच्चों को खुले में पढ़ाया जा रहा है. ऐसे में जब एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर की पहले ही किल्लत है तो ऐसे में एक स्कूल को बंद कर दूसरे स्कूल (सरकारी) जिसकी हालत पहले से ही जर्जर है, उसमें बच्चों को दाखिला देना कितना सही होगा, ये एक बड़ा सवाल है.  

गांव का सरकारी स्कूल भी है जर्जर

NDTV ने गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल का जब दौरा किया तो पता चला की वहां कुल 6 क्लास चलती हैं, जबकि कमरे केवल चार हैं. इसी के चलते बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा है.सरकारी प्राइमरी स्कूल में अभी 111 बच्चे पढ़ रहे हैं और उनके लिए ही क्लासरूम पर्याप्त नहीं है ऐसे में अगर प्राइवेट स्कूल के 70 बच्चे और यहां दाखिला लेने के लिए आ जाएं तो समस्या बढ़ जाएगी. सरकारी प्राइमरी स्कूल में क्लासरूम की समस्या इसलिए है क्योंकि कुछ समय पहले यहां पर जर्जर हो चुकी इमारत को ढाह दिया गया था लेकिन उसके बदले में नए क्लास रूम का निर्माण अभी नहीं हो पाया है. 

मान्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू

NDTV ने इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी से बातचीत की. खंड शिक्षा अधिकारी संजय भारती ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि पीड़ित के पिता ने अपने बच्चे का नाम उस स्कूल से कटवा लिया है. पीड़ित के पिता को हमने ऑफर किया है की वह सरकारी स्कूल में अपने बच्चे का दाखिला करवाएं, जहां उसे सभी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी.संजय भारती ने बताया कि संबंधित स्कूल की जांच में कई कमियां पाई गई हैं, इनहें लेकर उस स्कूल को नोटिस दिया जाएगा. शाम तक उनका जवाब देने के लिए कहा गया है. जो भी जवाब आएगा उसके आधार पर समिति फैसला करेगी कि स्कूल आगे चलाया जाए या नहीं. साथ ही मान्यता रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. अगर मान्यता रद्द होती है तो विभाग के नियम अनुसार जो बच्चे यहां पढ़ते हैं उनको पास के स्कूलों में दाखिल कराया जाता है. इस स्कूल के बराबर में जो सरकारी प्राइमरी स्कूल है वहां जर्जर अवस्था में तीन क्लासरूम थे, जिनको तुड़वाया गया है. नए क्लासरूम बनाने की प्रक्रिया चल रही है संभवत अक्टूबर तक इसके लिए बजट प्राप्त होगा और नए कमरे बनेंगे. 

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