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बहराइच के मदरसे में दसवीं का एक भी छात्र अंग्रेजी में नहीं लिख पाया अपना नाम, नोटिस जारी

UP Madrasa News: यूपी के एक मदरसे में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के निरीक्षण में 10वीं कक्षा के एक भी छात्र के अंग्रेजी में अपना नाम नहीं लिख पाएं, इसके बाद विभाग ने संचालक को चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया है.

बहराइच के मदरसे में दसवीं का एक भी छात्र अंग्रेजी में नहीं लिख पाया अपना नाम, नोटिस जारी
नई दिल्ली:

UP Madrasa News: बहराइच जिला मुख्यालय के एक मदरसे में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के निरीक्षण में 10वीं कक्षा के एक भी छात्र के अंग्रेजी में अपना नाम नहीं लिख पाने के बाद विभाग ने संचालक को चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्र ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार को बड़ी तकिया में मान्यता प्राप्त मदरसा जामिया गाजिया सैयदुलुलुम का औचक निरीक्षण किया गया और इस दौरान एक अध्यापक अनुपस्थित मिले, लेकिन रजिस्टर में उसकी गैरहाजिरी दर्ज नहीं थी.

 अरबी, फारसी के अलावा अन्य विषय पर ध्यान नहीं दिया जाता

उन्होंने बताया कि मुंशी, मौलवी और आलिम की कक्षाओं में भी बच्चों की संख्या रजिस्ट्रेशन के सापेक्ष बहुत कम थी. मिश्र ने दावा किया कि निरीक्षण के दौरान दसवीं कक्षा के छात्रों से अंग्रेजी में अपना नाम और मदरसे का नाम लिखने को कहा गया लेकिन एक भी छात्र ऐसा नहीं कर पाया. अधिकारी ने बताया कि मदरसे में अरबी, फारसी के अलावा अन्य विषयों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है जिसके कारण बच्चों की स्थिति इतनी चिंताजनक है.

कमजोर स्टूडेंट्स के लिए अलग से चलेंगी क्लासेस

मिश्र ने कहा, ‘‘बच्चों पर ध्यान न देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.''स्थिति में सुधार लाने की चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. मदरसे के संचालक व अनुपस्थित अध्यापक को नोटिस दिया गया है.इस सिलसिले में मदरसे के प्रभारी प्रधानाचार्य मौलाना शमसुद्दीन ने ‘पीटीआई- भाषा' से कहा, ‘‘औचक निरीक्षण में दसवीं कक्षा के जिन छात्रों से अंग्रेजी में नाम लिखने को कहा गया, उनका दाखिला हाल में हुआ था. उनकी अंग्रेजी कमजोर थी, इसलिए औचक निरीक्षण के दौरान वे अंग्रेजी में अपना नाम सही से नहीं लिख पाए. फिलहाल हमने कमजोर विद्यार्थियों की अलग से कक्षा लगाने का निर्णय लिया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए अब सभी विषयों की कक्षाओं व अध्यापकों की समयसारणी बनाई गई है.''प्रधानाचार्य ने कहा, ‘‘पहले भी मदरसे में अंग्रेजी, हिन्दी, गणित व विज्ञान की शिक्षा का प्रावधान था, इसीलिए विज्ञान के अध्यापक की नियुक्ति की गई थी. लेकिन ज्यादा तवज्जो अरबी, फारसी व उर्दू पर ही था.''

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठ्यक्रम लागू हुआ है, हमने सभी विषयों पर काम करना शुरू कर दिया है. बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर भी यही है कि अन्य क्षेत्रों में भी उनका भविष्य बने.''बहराइच जिले में कुल 301 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, इनके अलावा बीते दिनों कराए गये एक सर्वेक्षण में 495 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का पता लगा गया है.

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