
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुए हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई. दर्जनों घायल हो गए जिनमें 18 पुलिसकर्मी शामिल थे. इस मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा की शुरुआत मुस्लिम बहुल क्षेत्रों सुत्ती, धूलियन, जंगीपुर और शमशेरगंज में वक्फ अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शनों से हुई. ये प्रदर्शन जल्द ही सांप्रदायिक झड़पों में बदल गए, जिसमें दुकानों और घरों को आग के हवाले कर दिया गया.
हिंसा से प्रभावित लोगों की आपबीती दिल दहला देने वाली है. एक स्थानीय निवासी ने ANI को बताया कि सब जला दिया, कुछ नहीं बचा... कई परिवारों के लोग अपने घरों को छोड़कर भागने का निर्णय लिया है, जिससे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है. स्थानीय निवासी खुशबू दास ने बताया कि हमारी दुकानें और घर जलाए गए हैं. पुलिस ने मदद नहीं की, हम बीएसएफ कैंप चाहते हैं.
#WATCH | Murshidabad, West Bengal: Khusbhu Das, a resident of Dhuliyan, says, "Both our shops and house were burnt. Everything was vandalized. We called the police and fire brigade to douse the fire, but no one picked up our calls. We want a permanent camp (of the BSF) here so… https://t.co/BUatLHRFta pic.twitter.com/xySeh0waWL
— ANI (@ANI) April 14, 2025
मुर्शिदाबाद के धुलियान की रहने वाली प्राजक्ता दास ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि...हम शांति और सुरक्षा चाहते हैं और हम यह जानना चाहते हैं कि यह स्थिति क्यों पैदा हुई. हम यहां केंद्रीय बलों का एक स्थायी शिविर चाहते हैं ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो..."
#WATCH | Murshidabad, West Bengal: Prajakta Das, a resident of Dhuliyan, says, "...We want peace and security and we want a solution to why this situation arose. We want a permanent camp of central forces here so that this does not happen again..." https://t.co/BUatLHRFta pic.twitter.com/Rz5FznYnti
— ANI (@ANI) April 14, 2025
केंद्र सरकार ने बीएसएफ के जवानों को किया तैनात
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, प्रशासन ने मुर्शिदाबाद, मालदा और बीरभूम जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं. इसके अलावा, केंद्र सरकार ने लगभग 300 बीएसएफ जवानों को तैनात किया है, और अतिरिक्त पांच कंपनियों को भी भेजा गया है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है.
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि आज मुर्शिदाबाद के लोग और बच्चे कह रहे हैं कि बीएसएफ उनके लिए भगवान की तरह है, क्योंकि बीएसएफ ने ही उन्हें बचाया है. राज्य पुलिस की मौजूदगी के बावजूद घरों में आग लगा दी गई, लोगों पर हमला किया गया, महिलाओं की गरिमा का हनन किया गया, मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस ने कुछ नहीं किया..."
Kolkata, West Bengal: BJP MLA Agnimitra Paul says, "Today, the people and children of Murshidabad are saying that BSF is like God to them, because it is the BSF that saved them. Despite the presence of the state police, houses were set on fire, people were attacked, women's… pic.twitter.com/mHFSjEghZk
— IANS (@ians_india) April 14, 2025
लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें ममता बनर्जी : सुकांत मजूमदार
पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने हिंदुओं की मदद के लिए मालदा में स्थित भाजपा के कार्यालय में नियंत्रण कक्ष का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद प्रशासन पूरी तरह से विफल हुआ है.
सुकांत मजूमदार ने सोमवार को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके से भागकर मालदा जिले के वैष्णव नगर में स्थित परलालपुर हाई स्कूल में शरण लिए हुए लोगों से बात की. इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं.

सुकांत मजूमदार ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "हिंदुओं को बचाने में मुर्शिदाबाद प्रशासन पूरी तरह से विफल हुआ है. ममता बनर्जी की पुलिस दंगा वाले क्षेत्र में जाने से डर रही थी, लेकिन बीएसएफ के आने के बाद वह हिंसा वाले क्षेत्र में पहुंच पाई. ममता बनर्जी की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की सुरक्षा करें." उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन मालदा के परलालपुर हाई स्कूल से जबरन कैंप हटाने की कोशिश कर रहा है. मैं राज्य सरकार से कहूंगा कि जब तक सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक किसी को भी जबरन मुर्शिदाबाद वापस नहीं भेजा जाएगा.

सुकांत मजूमदार ने बताया कि मुझे जानकारी है कि 17 और 18 तारीख को राज्य में और भी खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है. राज्य सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. मैं गृह मंत्री अमित शाह से भी बात करूंगा.
दंगाइयों ने पत्थर और जलती हुई बोतलों से किया था जवानों पर हमला : बीएसएफ
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय बलों की तैनाती किए जाने पर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने आईएएनएस से खास बात की. उन्होंने मुर्शिदाबाद के मौजूदा हालातों के बारे में बताया कि शुक्रवार को ही करीब दो कंपनियां मुहैया कराई गईं और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "शुक्रवार को जब हालात बिगड़े तो प्रशासन के अनुरोध पर हमने तुरंत बीएसएफ की तैनाती की, जहां भी संभव था, हमने अपने जवानों को तैनात किया. हमने शुक्रवार को ही करीब दो कंपनियां मुहैया कराई और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां उनकी तैनाती की गई. शनिवार को हालात और बिगड़े तो और अधिक जवानों को तैनात किया गया. करीब 3 से 4 कंपनियां हिंसा वाले क्षेत्रों में तैनात की गई हैं. हालात पर नियंत्रण पाने और जल्दी शांति बहाल करने के लिए हमारी 9 कंपनियां शमशेरगंज और सुंथी पुलिस स्टेशन के इलाके में तैनात हैं."
उन्होंने आगे बताया, "शनिवार को जब हम घोषपारा, जाफराबाद समेत अन्य इलाकों में अंदर गए तो हमें हिंसा में शामिल दंगाइयों का सामना करना पड़ा. कुछ जगहों पर हमारी पार्टियों पर हर तरफ से हमला किया गया और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया. इतना ही नहीं, जवानों पर लाठियां, पत्थर और जलती हुई बोतलें भी फेंकी गईं, इसलिए हमें उन्हें (दंगाइयों) को खदेड़ने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा."
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