यूपी के कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी के हत्याकांड में सीबीआई की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. सीबीआई के चार्जशीट से पता चला है कि ये एक सुनियोजित मर्डर था और हत्या के लिए एक बोर 7.62 की 4 पिस्टल लाई गई थीं, जिसमें से 3 पिस्टल से फायरिंग हुई थी. मौके से 10 कारतूस बरामद हुए थे.
मुन्ना बजरंगी के शरीर पर गोलियों की सात एंट्री और छह एग्जिट निशान मिले थे, जबकि एक गोली शरीर में ही थी. सभी गोलियां प्वाइंट ब्लैक रेंज से मारी गई थी. गुमराह करने के लिए चौथी पिस्टल को जेल के बाहर नाले में फेंक दिया गया था. एक पिस्टल से 5, दूसरी पिस्टल से 3 और तीसरी पिस्टल से 2 गोलियां चलाई गई थी.
मुन्ना बजरंगी को एक गोली 1 मीटर से भी कम दूरी से मारी गई थी वहीं 4 गोली 1 मीटर से अधिक दूरी से मारी गई थी और एक गोली 10 सेंटीमीटर की दूरी से मारी गई थी, जबकि, एक गोली मुन्ना बजरंगी को छूते हुए निकल गई थी. हत्या का मुख्य के मुख्य आरोपी सुनील राठी की निशानदेही पर जेल के बाहर नाले में फेंकी गई पिस्टल बरामद हुई थी.
गुमराह करने के लिए चौथी पिस्टल को सुनील लाठी ने आला कत्ल बताया था. हत्याकांड के वक्त सुनील राठी के साथ प्रविंद्र राठी, अरविंद राठी, ओमवीर राठी और बबलू तोमर उर्फ नंबरदार भी बैरक में मौजूद थे. चार्जशीट में हत्या की वजह नहीं बताई गई. पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को गोली मारकर हत्या हुई थी.
मुन्ना बजरंगी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल में बंद था. मुन्ना बजरंगी को मुख़्तार अंसारी का क़रीबी माना जाता था.
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