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This Article is From Oct 03, 2019

मुंबई : PMC बैंक घोटाले में एचडीआईएल के दो डायरेक्टर गिरफ्तार किए गए

मुंबई पुलिस ने हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डायरेक्टर सारंग वाधवा और राकेश वाधवा को गिरफ्तार किया

प्रतीकात्मक फोटो.

मुंबई:

पीएमसी बैंक घोटाला मामले में गुरुवार को पहली गिरफ्तारी हुई. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के डायरेक्टर सारंग वाधवा और राकेश वाधवा  को गिरफ्तार कर लिया. आज दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उन्हें जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार कर लिया गया. कंपनी के दोनों निदेशकों की गिरफ्तारी गुरुवार की शाम को हुई. आर्थिक अपराध शाखा ने एचडीआईएल की 3,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है.

पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन के घर पर तलाशी भी ली गई. वरियम का डीमेट अकाउंट  फ्रीज कर दिया गया है. बैंक के एमडी जॉय थॉमस के घर पर नोटिस चिपका दिया गया है. उन्हें पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जबसे उन्होंने (पुलिस द्वारा) FIR दर्ज किया है तबसे प्रशासन बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) जॉय थॉमस की तलाश में हैं, लेकिन जॉय थॉमस नहीं मिल रहे. पुलिस जॉय थॉमस के बेटे से उनका ठिकाना जानने की कोशिश में है, लेकिन खबर है कि थॉमस का बेटा भी पुलिस को भ्रमित करने में लगा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक बेटे ने पुलिस को पिता का मोबाइल नंबर दिया. उस नम्बर का लोकेशन बार-बार बदल रहा था. पुलिस को लगा कि थॉमस पुलिस से बचने के लिए जगह बदल रहे हैं, पर जब वो उस मोबाइलधारक तक पहुंचे तो पता चला वो तो एक ऑटो ड्राइवर का नम्बर है जो किराया लेकर इधर-उधर जा रहा था.

PMC बैंक घोटाले में आई एक चौंकाने वाली खबर, कर्ज में डुबाने वाले 44 बड़े अकाउंटों में इस कंपनी से जुड़े हैं 10 खाते

FIR के मुताबिक PMC बैंक को कर्ज में डुबाने वाले 44 बड़े अकाउंटों में 10 खाते HDIL और वाधवा से जुड़े हैं. उन 10 खातों में से एक सारंग वाधवा और दूसरा राकेश वाधवा का निजी खाता है और एक HDIL कंपनी का है जबकि 7 HDIL ग्रुप से जुड़े हैं.

जांच में पता चला है कि उन 7 कंपनियों में से 5 का दफ्तर एक ही पते पर है, जो बांद्रा पूर्व में SRA की इमारत में है. इमारत का नाम कैपरी है. कैपरी इमारत वाधवा परिवार की HDIL कंपनी के SRA प्रोजेक्ट की है. स्लम रिडेवलपमेंट की इमारत में दफ़्तर होने के बावजूद इन कंपनियों को बड़े कर्ज दिए गए, जो अगस्त 2019 तक 796.65 करोड़ बकाया है.

PMC Bank को 11 साल में लगा 4300 करोड़ का चूना, पूर्व प्रबंधन और प्रवर्तकों के खिलाफ FIR दर्ज

पुलिस को शक है कि बाकी के 34 अकाउंट भी HDIL और वाधवा के ही हैं लेकिन बेनामी, क्योंकि उन 34 अकाउंटों में से HDIL और वाधवा को पैसे ट्रांसफर हुए हैं. मतलब PMC से कर्ज 34 दूसरे खातों पर लिए गए फिर उन्हें HDIL और वाधवा से जुड़े खातों में ट्रांसफर कर दिए गए.

VIDEO : PMC बैंक में कैसे हुआ घोटाला?

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