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This Article is From May 23, 2023

मुंबई के समुद्री ब्रिज से घंटों का सफर होगा कुछ मिनटों में तय, टोल बूथ पर नहीं पड़ेगी गाड़ी रोकने की जरूरत

कुल 6 लेन के इस ब्रिज का काम पूरा होने के बाद इस ब्रिज से दिनभर में 70 हजार गाड़ियां जा सकेंगी.

भारत के सबसे लंबे समूद्री ब्रिज का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

मुंबई:

मुंबई से नवी मुंबई का सफर तय करने में अभी घंटों लग जाते हैं, लेकिन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक रोड (MTHL) प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यह सफर केवल 20 मिनट में तय किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट का करीब 95  फीसदी काम पूरा हो चुका है. इस साल के अंत तक यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा. करीब 22 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज देश का सबसे लंबा समूद्री ब्रिज है, जिसमें कई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.

इस ब्रिज पर ओपन रोड टोलिंग (ओआरटी) सिस्टम होगा, जहां से गुजरने वालों को टोल बूथ पर अपने वाहनों को धीमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. टोल बूथ से गुजरते वक्त 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से जाते हुए टोल चार्ज का भुगतान कर सकते हैं.

कुल 6 लेन के इस ब्रिज का काम पूरा होने के बाद इस ब्रिज से दिनभर में 70 हजार गाड़ियां जा सकेंगी. फिलहाल इस ब्रिज का ढांचा पूरी तरह से तैयार हो चुका है. बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस ब्रिज का जायजा लेने वाले हैं. 

MMRDA के कमिश्नर SVR श्रीनिवास ने बताया, "फिलहाल 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है. स्ट्रक्चर का काम पूरा हो चुका है. बुधवार को हम लोग मेन लैंड को मुंबई से जोड़ने वाले हैं."

साथ ही उन्होंने बताया कि, इस साल दिसंबर के अंत तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हमने दो साल पहले जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे हासिल करना संभव है. 

कुल 18 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे MTHL ब्रिज में सबसे लंबे ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक का इस्तेमाल किया गया है. इस ब्रिज के बन जाने के बाद मुंबई से पुणे, गोवा और नागपुर के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी. इस ब्रिज की वजह से से करीब 30 से 40 फीसदी ईंधन की बचत होगी. 

MTHL की योजना लगभग 30 साल पहले मुंबई और नवी मुंबई के बीच यातायात को गति देने और मुंबई से पुणे और गोवा के लिए यातायात की सुविधा के लिए बनाई गई थी. MMRDA ने नवंबर 2017 में प्रोजेक्ट दिया गया था. इसका कंस्ट्रक्शन अप्रैल 2018 में शुरू हुआ था. इसको पूरा करने के लिए 4.5 साल का समय तय किया गया था. हालांकि, COVID-19 महामारी की वजह से निर्माण में करीब आठ महीने की देरी हुई और वर्तमान में दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

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