फाइल फोटो
मुंबई:
मुंबई की समंदरी सरहद की सुरक्षा में लगे आधे पुलिस वाले तैर नहीं सकते हैं ! यह खुलासा हुआ है कोस्टल सिक्योरिटी की ऑडिट रिपोर्ट में। रिपोर्ट सामने आने के बाद अब मुंबई पुलिस और नौसेना संयुक्त रूप से उन्हें तैराकी की ट्रेनिंग देने में जुटी हैं।
मुंबई में समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए 4 पुलिस स्टेशन हैं, जिनमें 650 पुलिस कर्मी तैनात हैं। इनमें से 230 पुलिस कर्मियों को तैरना तक नहीं आता। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि 'कुछ दिनों पहले हमने कोस्टल सिक्योरिटी के लिए ऑडिट करवाया था, जिसमें यह बात सामने आई कि 230 पुलिस कर्मी, जिन हालात में समंदर में तैरना होता है, उसमें तैर नहीं सकते। हमारे लिए यह फिक्र की बात है। हम छोटी-छोटी टीमें बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं।'
गौरतलब है कि 26/11 के आंतकी समुद्री रास्ते से ही शहर में घुसे थे। इसके बाद समंदरी सरहद को महफूज रखने के बड़े-बड़े वादे हुए। कोस्टल पुलिस को स्पीड बोट, पानी और जमीन पर चलने वाली एंफिबिएन बोट, आधुनिक उपकरण और हथियार मिले, लेकिन अब ज्यादातर बोट खराब हैं, गाड़ियां जंग खा रही हैं। समुद्र तटीय सुरक्षा के लिए बनाए गए पुलिस स्टेशनों में स्टाफ कम है। सरकार ने पहले ही निर्देश दिए थे कि सागर तटीय थानों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए तैराकी जरूरी शर्त होगी, लेकिन फिर भी ऐसा नहीं हुआ।
जानकार मानते हैं कि हालात ठीक नहीं हैं। पूर्व एडीजी एके जैन का कहना है कि ' हवालदार की बेसिक ट्रेनिंग में तैराकी नहीं है। कई पुलिसकर्मी पानी से डरते हैं। उन्हें समंदर में मिचली आने की शिकायत होती है। यह समस्या तैनाती की भी है।'
ऑडिट रिपोर्ट सामने आने के बाद मुंबई पुलिस और नौसेना के स्वीमिंग पूल में पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। महाराष्ट्र में समंदर लगभग 720 किमी तक फैला है। मुंबई को लहरें 114 किलोमीटर तक छूती हैं। ऐसे में ये लापरवाही आखिरकार क्यों बरती गई यह भी जानना जरूरी होगा।
मुंबई में समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए 4 पुलिस स्टेशन हैं, जिनमें 650 पुलिस कर्मी तैनात हैं। इनमें से 230 पुलिस कर्मियों को तैरना तक नहीं आता। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि 'कुछ दिनों पहले हमने कोस्टल सिक्योरिटी के लिए ऑडिट करवाया था, जिसमें यह बात सामने आई कि 230 पुलिस कर्मी, जिन हालात में समंदर में तैरना होता है, उसमें तैर नहीं सकते। हमारे लिए यह फिक्र की बात है। हम छोटी-छोटी टीमें बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं।'
गौरतलब है कि 26/11 के आंतकी समुद्री रास्ते से ही शहर में घुसे थे। इसके बाद समंदरी सरहद को महफूज रखने के बड़े-बड़े वादे हुए। कोस्टल पुलिस को स्पीड बोट, पानी और जमीन पर चलने वाली एंफिबिएन बोट, आधुनिक उपकरण और हथियार मिले, लेकिन अब ज्यादातर बोट खराब हैं, गाड़ियां जंग खा रही हैं। समुद्र तटीय सुरक्षा के लिए बनाए गए पुलिस स्टेशनों में स्टाफ कम है। सरकार ने पहले ही निर्देश दिए थे कि सागर तटीय थानों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए तैराकी जरूरी शर्त होगी, लेकिन फिर भी ऐसा नहीं हुआ।
जानकार मानते हैं कि हालात ठीक नहीं हैं। पूर्व एडीजी एके जैन का कहना है कि ' हवालदार की बेसिक ट्रेनिंग में तैराकी नहीं है। कई पुलिसकर्मी पानी से डरते हैं। उन्हें समंदर में मिचली आने की शिकायत होती है। यह समस्या तैनाती की भी है।'
ऑडिट रिपोर्ट सामने आने के बाद मुंबई पुलिस और नौसेना के स्वीमिंग पूल में पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। महाराष्ट्र में समंदर लगभग 720 किमी तक फैला है। मुंबई को लहरें 114 किलोमीटर तक छूती हैं। ऐसे में ये लापरवाही आखिरकार क्यों बरती गई यह भी जानना जरूरी होगा।
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