प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
अगर आप भी क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो जरा सावधान..। कुछ लोग ऐसे हैं जो आपके क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग कर आपको लाखों का चूना लगा सकते हैं। मुंबई पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से अलग-अलग बैंकों के करीब 300 क्रेडिट कार्ड, क्लोनिंग करने वाली मशीन के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के फर्जी दस्तावेजों के तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस और स्कोडा कार जब्त की है।
हैकिंग करके चुरा लिया जाता था क्रेडिट कार्ड का डेटा
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के क्रेडिट कार्ड को हैक करके पूरा डेटा चुरा लेता था। इस गिरोह के सदस्य फिर क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग कर लोगों को चूना लगाते थे। पुलिस के मुताबिक इसके शिकार ज़्यादातर वे लोग होते हैं जो ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। मुंबई पुलिस में एडीशनल कमिश्नर नॉर्थ फतेह सिंह पाटिल ने कहा गिरोह के लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों का डेटा हैक करके, उसकी क्लोनिंग करके ऑनलाइन शॉपिंग करते थे। वह इसके बाद ऑनलाइन मंगाए गए सामान को बेचकर कैश किया करते थे।
गिरोह के तार कई प्रदेशों तक फैले होने की आशंका
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों आरोपी विश्वजीत क्षत्री और नितिन इंग्ले तो इस गिरोह की छोटी मछलियां हैं जिनका काम सिर्फ शॉपिंग करना और कार्ड स्वैप करना था। इस गिरोह के तार महाराष्ट्र, कर्नाटक के अलावा देश के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि इनके पीछे का मास्टर माइंड कौन है। इनके सिंडिकेट में कोई सरकारी, बैंक कर्मचारी भी तो शामिल नहीं है जिनके जरिए यह इतनी आसानी से डेटा निकाल लेते थे और फर्जी दस्तावेज बनवा लेते थे।
हैकिंग करके चुरा लिया जाता था क्रेडिट कार्ड का डेटा
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के क्रेडिट कार्ड को हैक करके पूरा डेटा चुरा लेता था। इस गिरोह के सदस्य फिर क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग कर लोगों को चूना लगाते थे। पुलिस के मुताबिक इसके शिकार ज़्यादातर वे लोग होते हैं जो ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। मुंबई पुलिस में एडीशनल कमिश्नर नॉर्थ फतेह सिंह पाटिल ने कहा गिरोह के लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों का डेटा हैक करके, उसकी क्लोनिंग करके ऑनलाइन शॉपिंग करते थे। वह इसके बाद ऑनलाइन मंगाए गए सामान को बेचकर कैश किया करते थे।
गिरोह के तार कई प्रदेशों तक फैले होने की आशंका
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों आरोपी विश्वजीत क्षत्री और नितिन इंग्ले तो इस गिरोह की छोटी मछलियां हैं जिनका काम सिर्फ शॉपिंग करना और कार्ड स्वैप करना था। इस गिरोह के तार महाराष्ट्र, कर्नाटक के अलावा देश के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि इनके पीछे का मास्टर माइंड कौन है। इनके सिंडिकेट में कोई सरकारी, बैंक कर्मचारी भी तो शामिल नहीं है जिनके जरिए यह इतनी आसानी से डेटा निकाल लेते थे और फर्जी दस्तावेज बनवा लेते थे।
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