
बटालिक सेक्टर में भारतीय सेना की एक पोस्ट हिमपात की चपेट में आकर दफ़्न हो गई है. (फाइल फोटो)
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10 साल बाद अप्रैल में हो रही है कश्मीर में भारी बर्फबारी
हिस्खलन की चपेट में आई सैन्य चौकी, एक सैनिक अभी भी लापता
जनवरी में हुए हिस्खलन में 15 सैनिकों की बर्फ में दबकर मौत हुई थी
भारतीय सेना के उधमपुर मुख्यालय के नॉर्दर्न कमांड ने बताया कि अभूतपूर्व हिमपात के कारण हिमस्खलन की कई घटनाएं हुईं, जिसमें बटालिक सेक्टर में स्थित एक सैन्य चौकी मलबे के नीचे दब गई. मलबे में दबे पांच जवानों में से दो को सुरक्षित निकाल लिया गया था. शुक्रवार की सुबह बर्फ में दबे तीन जवानों के शव निकाले गए.
उधर, अप्रैल महीने में हो रही बर्फबारी से राज्य में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. कई इलाकों में हाईअलर्ट घोषित किया गया है. झेलम और उसकी सहायक नदियों में कई जगहों पर जल स्तर ख़तरे के निशान के ऊपर है. सीमा से व्यापार भी फिलहाल बंद कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई है. बारिश से भू-स्खलन के बाद जम्मू-श्रीनगर हाइवे को बंद कर दिया गया है. भारी बारिश से हो रही परेशानी के बीच रजौरी में भारी बर्फ़बारी भी हो रही है. जानकार बताते हैं कि 10 साल बाद कश्मीर में इस मौसम में भारी बर्फबारी हो रही है. रविवार तक मौसम में सुधार की उम्मीद की जा रही है.
बता दें कि जनवरी में भी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक एक सैन्य चौकी और एक गश्ती दल के हिमस्खलन की चपेट में आ जाने से 15 सैनिकों की मौत हो गई थी.
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