मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अलग-अलग चुनावों में एक-दो दफा नहीं, बल्कि 17 बार जमानत जब्त होने के बावजूद इंदौर (Indore) के 62 वर्षीय रीयल एस्टेट कारोबारी ने नगर निगम चुनावों (Municipal Elections) के लिए पर्चा भर दिया है. इस कारोबारी का गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला परिवार दो पीढ़ियों से लगातार चुनाव लड़ने की अनूठी परंपरा के लिए चर्चित है. इस परिवार ने अभी तक एक भी चुनाव नहीं जीता है.
अधिकारियों ने बताया कि परमानंद तोलानी (62) ने इंदौर नगर निगम चुनावों में महापौर पद के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में शनिवार को पर्चा भरा. इन चुनावों में छह जुलाई को मतदान होना है.'इंदौरी धरतीपकड़' के नाम से मशहूर तोलानी ने रविवार को मीडिया से कहा कि यह बतौर उम्मीदवार मेरे जीवन का 18वां चुनाव होगा. मैं महापौर पद के साथ ही सांसद और विधायक पदों के लिए कुल 17 बार चुनाव लड़ चुका हूं.
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62 वर्षीय रीयल एस्टेट कारोबारी ने कहा कि हर बार जमानत जब्त होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है और वह एक बार फिर चुनावी मैदान में है. तोलानी ने कहा कि चुनाव हारना उनकी खानदानी परंपरा है. जिसको निभाने के लिए वह इस बार भी मैदान में हैं.तोलानी ने कहा कि मेरे पिता मेठाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 साल तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े थे. वर्ष 1988 में उनके निधन के बाद 1989 से मैंने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया था.' उन्होंने बताया कि वह एक बार अपनी पत्नी लक्ष्मी तोलानी को भी नगरीय निकायों के चुनावों में उतार चुके हैं क्योंकि तब महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिये आरक्षित कर दिया गया था.
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