Parliament Monsoon session: आज यानी सोमवार को संसद के मॉनसून सत्र का 9वां दिन है. आज संसद की कार्यवाही 11 बजे से शुरू हुई. लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने दोनों सदनों में नारेबाजी के साथ हंगामा करना शुरू कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक चर्चा चलेगी. इसके बाद 10 अगस्त को पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे.
यहां पढ़ें अपडेट:
- आज लोकसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली सर्विस बिल पेश कर दिया है.
- अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस दिन से सदन की शुरुआत हुई विपक्ष की ओर से एक ही मांग हो रही है कि प्रधानमंत्री सदन में आए और मणिपुर जैसे ज्वलंत और गंभीर मुद्दे पर सदन के अंदर अपनी बात रखें, बाहर नहीं. यही मांग शुरू के दिन से कर रहा हूं और जब हमारी मांग को ठुकराया तो हमें लगा कि प्रधानमंत्री हमारे कहने से सदन में नहीं आएंगें. इसलिए फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने का सहारा लेना पड़ा. क्योंकि नियमों के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सदन के अंदर आकर अपनी बात रखें.
उन्होंने कहा कि हमें इस बात का यकीन था कि जब अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस दिया जाता है तो स्पीकर उसको संज्ञान लेते हैं. लेकिन हम उसके बाद से देख रहे हैं कि सरकार बिल पर बिल पास कराए जा रहे हैं, वह भी बिना चर्चा किए. नियमों के के मुताबिक यह ठीक नहीं है.आजादी के बाद इस सदन में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है, कभी ऐसा नहीं हुआ है जैसा अब हो रहा है. दो बार ही विधेयक को पारित तब किया गया है, जब सरकार ने विपक्ष को संज्ञान में लिया और उनसे बात करके किया है.
- इंडिया गठबंधन द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक सदन में चर्चा चलेगी. इसके बाद 10 अगस्त को पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन की तरफ़ से सदन के नियम 198 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया.
- दिल्ली सर्विस बिल (Delhi Services Bill) लोकसभा में पेश कर दिया गया है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े इस बिल को पेश किया है.
- राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई. मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी सांसदों के विरोध और नारे के बीच प्रश्नकाल जारी है
- मणिपुर मुद्दे पर हुए जबरदस्त हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. विपक्षी सांसद "प्रधानमंत्री सदन में आओ, प्रधानमंत्री सदन में आओ" के नारे लगा रहे हैं.
- राज्यसभा के चेयरमैन ओम बिरला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 8 दिनों से एक ही मुद्दे पर सदन में हंगामा हो रहा है और कार्यवाही नहीं चल पा रही है. मैंने कल फ्लोर लीडर्स के साथ एक बैठक की थी, जिसमें कहा था कि मणिपुर की घटना पर एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए ढाई घंटे का समय तय किया गया है .लेकिन सदन में हंगामे की वजह से यह चर्चा भी अधूरी रही है. 2014 में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी एक मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की थी. उस समय चेयरमैन ने रूलिंग दी थी यह मांग नियमों के तहत सही नहीं है
- संसद में मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है.
कल संसद में विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया. मणिपुर मुद्दे को लेकर दोनो सदनों में लगातार हो रहे हंगामे के चलते राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई. इसलिए कल दिल्ली सर्विस बिल (Delhi Services Bill) पेश नहीं हो सका. संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ. लेकिन पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को लेकर लगातार हो रहे हंगामें की वजह से संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई. पिछले 8 दिनों से दोनो सदनों की कार्यवाही ठप है.
गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे दिल्ली सर्विस बिल
आज यानी मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सदन में 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश करेंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते मंगलवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' को मंजूरी दी थी. यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा.
राघव चड्ढा ने बिल को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया
आप सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा बिल को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का जो अध्यादेश लाया जा रहा है इससे ज्यादा गैर लोकतांत्रिक और असंवैधानिक कोई बिल लाया गया है. कभी भी भारत के संविधान के अंदर ऐसा बिल नही लाया गया है. यह दिल्ली के डेमोक्रेसी को बाबूक्रेसी में तब्दील कर देगा.अब अफसरशाही बचेगी. दिल्ली में दिल्ली की चुनी हुई सरकार से सारी शक्तियां छीनकर उपराज्यपाल को सौंप देगी जिसे दिल्ली के लोगों ने चुना है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया पलटवार
वहीं, राघव चड्ढा के इस बयान पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ऐसे बयान देती रहती है. हमारी सरकार जनता द्वारा चुनी गई एक लोकतांत्रिक सरकार है. हम सिर्फ देश के संवैधानिक दायरे में ही काम करते हैं. विपक्ष के कई सांसद मणिपुर के मुद्दे पर संसद में चर्चा करना चाहते हैं. लेकिन दुर्भाग्य से विपक्ष के कुछ नेताओं की वजह से चर्चा नहीं हो पा रही है.
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ हैं.
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