अपनी पत्नी के साथ क्रिकेटर शमी...
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को सोशल मीडिया में तब भद्दी टिप्पणियों का शिक़ार होना पड़ा जब उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर अपनी पत्नी के साथ एक फोटो डाली. इस फोटो में शमी के पत्नी एक वेस्टर्न ड्रेस पहने नज़र आ रही हैं. शमी का यह फेसबुक पिक्चर कुछ लोगों को पसंद नहीं आया और वे शमी के साथ-साथ उनकी पत्नी की आलोचना में लग गए.
इस घटना के बाद कई क्रिकेटरों और महिला एक्टिविस्ट ने मोहम्मद शमी का साथ दिया तो कई मौलाना शमी के खिलाफ खड़े हो गए हैं.
सैयद किरमानी ने कहा, दूसरे की निजी ज़िंदगी में दखल नहीं देना चाहिए
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और विकेटकीपर सैयद किरमानी ने मोहम्मद शमी का साथ दिया और मीडिया से बात करते हुए बताया कि किसी को भी दूसरे की निजी ज़िंदगी में दखल देना नहीं चाहिए.
किरमानी ने कहा कि इस्लाम किसी भी चीज के लिए दवाब भी नहीं डालता है. लोगों को सीखना चाहिए और दूसरे के ऊपर ऊंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.
अतुल वासन ने कहा- लोग अपनी रूढ़िवादी सोच को अपने तक रखें
पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन भी शमी के साथ खड़े हुए नज़र आए. अतुल वासन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि दूसरे किसी को कोई अधिकार नहीं है दूसरे के बारे में ऐसा बोले. शमी जो कर रहे हैं उनको वह करने देना चाहिए क्योंकि यह उनका अधिकार है.
वासन का कहना है कि लोगों को अपनी रूढ़िवादी सोच को अपने घर तक सीमित रखना चाहिए, उनका कोई अधिकार नहीं है कि वह शमी के ऊपर सवाल उठाएं. अपने मत को दूसरे के ऊपर ज़बरदस्ती थोंपना गलत है. वासन का कहना है कि हम भारत में रहते हैं, हमको क्या पहनना है या क्या नहीं यह हमको तय करना चाहिए. सोशल मीडिया में ये जो गंदे कमेंट आ रहे हैं उसकी पूरी तरह निंदा होनी चाहिए, नहीं तो ऐसे गंदे कमेंट करने वाले कल कुछ भी कर सकते हैं.
दीप दासगुप्ता भी शमी साथ खड़े हुए नज़र आए
भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर दीप दासगुप्ता ने भी उन लोगों को आड़े हाथ लिया है जो लोग शमी की पत्नी के कपड़ों पर सवाल उठा रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए दीप दासगुप्ता ने कहा कि दुख की बात है कि लोग सोशल मीडिया पर इस तरह का कमेंट कर रहे हैं और अपनी सोच को दूसरे के ऊपर थोंपने की कोशिश कर रहे हैं.
जावेद अख्तर और शमीना शफ़ीक़ शमी ने साथ दिया
सामाजिक कार्यकर्ता शमीना शफ़ीक़ ने भी उन लोगों की आलोचना की है, जो सोशल मीडिया में शमी की पत्नी के कपड़ों को लेकर सवाल उठा रहे हैं. शमीना का कहना है कि इस्लाम में यह ज़रूर कहा गया कि एक औरत का जो जिस्म है वह पूरी तरह ढका होना चाहिए. शमी और उनकी पत्नी इस्लाम को मानने वाली हैं तो वे इसके बारे में जानते भी हैं. लेकिन अगर शौहर की इज़ाज़त के साथ बीवी अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनती है तो समाज को उस पर ऐतराज़ नहीं करना चाहिए.
गीतकार जावेद अख्तर भी शमी के साथ खड़े हुए नज़र आये. जावेद अख्तर का कहना है शमी की पत्नी ने जो ड्रेस पहनी है वह डिग्नीफाइड है. अगर किसी को इस पर कोई समस्या है तो वह दिमागी रूप से बीमार है. जावेद अख्तर ने इस मामले को यहीं ख़त्म कर देने को भी कहा. जावेद अख्तर का कहना है कि इस दुनिया में ऐसी कई और महत्पूर्ण समस्याएं हैं जिस पर मीडिया को ध्यान देना चाहिए.
कुछ मौलानाओं ने की शमी का आलोचना
हालांकि कुछ मौलानाओं ने शमी और उनकी पत्नी की आलोचना की है. इमाम कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मौलाना मक़सूद-उल-हसन क़ासमी ने कहा कि जो लोग कमेंट कर रहे हैं उनके बारे में पता लगाना चाहिए. कुछ लोग फ़र्ज़ी आईडी से भी ऐसे कमेंट करते रहते हैं. लेकिन शमी के पत्नी ने जो किया वह गैर-इस्लामी है. किसी आदमी ने अगर इस्लामिक बात कह दी तो उसकी गर्दन नहीं काट देनी चाहिए. क़ासमी ने मीडिया के ऊपर भी सवाल उठाए. क़ासमी का कहना है दुनिया में इसके कई समस्याएं हैं, लेकिन मीडिया सिर्फ ऐसे मुद्दे को जगह क्यों देती है.
मौलाना उमेर इल्यासी ने भी शमी की पत्नी के कपड़ों के ऊपर सवाल उठाया. उनका कहना है कि इस्लाम के नज़रिये से ऐसा लिबास होना चाहिए, जो पूरी तरह ढकता हो, जिससे आप के शरीर की कोई नुमाइश न हो.
इस घटना के बाद कई क्रिकेटरों और महिला एक्टिविस्ट ने मोहम्मद शमी का साथ दिया तो कई मौलाना शमी के खिलाफ खड़े हो गए हैं.
सैयद किरमानी ने कहा, दूसरे की निजी ज़िंदगी में दखल नहीं देना चाहिए
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और विकेटकीपर सैयद किरमानी ने मोहम्मद शमी का साथ दिया और मीडिया से बात करते हुए बताया कि किसी को भी दूसरे की निजी ज़िंदगी में दखल देना नहीं चाहिए.
किरमानी ने कहा कि इस्लाम किसी भी चीज के लिए दवाब भी नहीं डालता है. लोगों को सीखना चाहिए और दूसरे के ऊपर ऊंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.
अतुल वासन ने कहा- लोग अपनी रूढ़िवादी सोच को अपने तक रखें
पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन भी शमी के साथ खड़े हुए नज़र आए. अतुल वासन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि दूसरे किसी को कोई अधिकार नहीं है दूसरे के बारे में ऐसा बोले. शमी जो कर रहे हैं उनको वह करने देना चाहिए क्योंकि यह उनका अधिकार है.
वासन का कहना है कि लोगों को अपनी रूढ़िवादी सोच को अपने घर तक सीमित रखना चाहिए, उनका कोई अधिकार नहीं है कि वह शमी के ऊपर सवाल उठाएं. अपने मत को दूसरे के ऊपर ज़बरदस्ती थोंपना गलत है. वासन का कहना है कि हम भारत में रहते हैं, हमको क्या पहनना है या क्या नहीं यह हमको तय करना चाहिए. सोशल मीडिया में ये जो गंदे कमेंट आ रहे हैं उसकी पूरी तरह निंदा होनी चाहिए, नहीं तो ऐसे गंदे कमेंट करने वाले कल कुछ भी कर सकते हैं.
दीप दासगुप्ता भी शमी साथ खड़े हुए नज़र आए
भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर दीप दासगुप्ता ने भी उन लोगों को आड़े हाथ लिया है जो लोग शमी की पत्नी के कपड़ों पर सवाल उठा रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए दीप दासगुप्ता ने कहा कि दुख की बात है कि लोग सोशल मीडिया पर इस तरह का कमेंट कर रहे हैं और अपनी सोच को दूसरे के ऊपर थोंपने की कोशिश कर रहे हैं.
जावेद अख्तर और शमीना शफ़ीक़ शमी ने साथ दिया
सामाजिक कार्यकर्ता शमीना शफ़ीक़ ने भी उन लोगों की आलोचना की है, जो सोशल मीडिया में शमी की पत्नी के कपड़ों को लेकर सवाल उठा रहे हैं. शमीना का कहना है कि इस्लाम में यह ज़रूर कहा गया कि एक औरत का जो जिस्म है वह पूरी तरह ढका होना चाहिए. शमी और उनकी पत्नी इस्लाम को मानने वाली हैं तो वे इसके बारे में जानते भी हैं. लेकिन अगर शौहर की इज़ाज़त के साथ बीवी अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनती है तो समाज को उस पर ऐतराज़ नहीं करना चाहिए.
गीतकार जावेद अख्तर भी शमी के साथ खड़े हुए नज़र आये. जावेद अख्तर का कहना है शमी की पत्नी ने जो ड्रेस पहनी है वह डिग्नीफाइड है. अगर किसी को इस पर कोई समस्या है तो वह दिमागी रूप से बीमार है. जावेद अख्तर ने इस मामले को यहीं ख़त्म कर देने को भी कहा. जावेद अख्तर का कहना है कि इस दुनिया में ऐसी कई और महत्पूर्ण समस्याएं हैं जिस पर मीडिया को ध्यान देना चाहिए.
कुछ मौलानाओं ने की शमी का आलोचना
हालांकि कुछ मौलानाओं ने शमी और उनकी पत्नी की आलोचना की है. इमाम कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मौलाना मक़सूद-उल-हसन क़ासमी ने कहा कि जो लोग कमेंट कर रहे हैं उनके बारे में पता लगाना चाहिए. कुछ लोग फ़र्ज़ी आईडी से भी ऐसे कमेंट करते रहते हैं. लेकिन शमी के पत्नी ने जो किया वह गैर-इस्लामी है. किसी आदमी ने अगर इस्लामिक बात कह दी तो उसकी गर्दन नहीं काट देनी चाहिए. क़ासमी ने मीडिया के ऊपर भी सवाल उठाए. क़ासमी का कहना है दुनिया में इसके कई समस्याएं हैं, लेकिन मीडिया सिर्फ ऐसे मुद्दे को जगह क्यों देती है.
मौलाना उमेर इल्यासी ने भी शमी की पत्नी के कपड़ों के ऊपर सवाल उठाया. उनका कहना है कि इस्लाम के नज़रिये से ऐसा लिबास होना चाहिए, जो पूरी तरह ढकता हो, जिससे आप के शरीर की कोई नुमाइश न हो.
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