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This Article is From Sep 19, 2018

इंस्टैंट ट्रिपल तलाक अब होगा अपराध, मजिस्ट्रेट से मिल पाएगी ज़मानत, मोदी कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंज़ूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था.

इंस्टैंट ट्रिपल तलाक अब होगा अपराध, मजिस्ट्रेट से मिल पाएगी ज़मानत, मोदी कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंज़ूरी
फाइल फोटो
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक (इंस्टैंट ट्रिपल तलाक) पर अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था. मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा. अब इस अध्‍यादेश को मंजूरी के लिए राष्‍ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्‍त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं.  

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तीन तलाक़ बिल पर किए है क्‍या अहम संशोधन

पहला संशोधन
पहले का प्रावधान 
इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी. 
संशोधन
अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा

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दूसरा संशोधन
पहले का प्रावधान 
पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था. पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी. 
संशोधन
मजिस्ट्रेट को ज़मानत देने का अधिकार होगा. 


तीसरा संशोधन
पहले का प्रावधान 
पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था. 
संशोधन
मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा

कांग्रेस नेता जयराम रमेश का आरोप, तीन तलाक विधेयक पर राजनीति कर रही है सरकार(

पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त के भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा को खत्म करने के लिए कैबिनेट द्वारा कुछ संशोधनों को मंजूरी देने के बाद उनकी सरकार ने हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र में संसद में विधेयक लाने का प्रयास किया. प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, "लेकिन कुछ लोग इसे पारित नहीं होने देना चाहते थे." राज्यसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन तीन तलाक विधेयक पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था.

उन्होंने कहा था कि मैं मुस्लिम बहनों और बेटियों को भरोसा देता हूं कि उनके अधिकार सुरक्षित होंगे और सरकार उन्हें सुरक्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी. मेरा भरोसा देता हूं कि मैं उनकी आकांक्षाओं को पूरा करूंगा.

VIDEO: मुस्लिम महिलाओं की फिक्र किसे?
 

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