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Karnataka Jail Raid: 'जेल ब्रेक' की तैयारी या खूनी गैंगवार की प्लानिंग? बैरक से निकले दर्जनों चाकू-मोबाइल, DGP बोले- ये तो शुरुआत है

कर्नाटक की जेलों में 36 घंटे तक रेड चली. इस दौरान बेंगलुरु, मैसूर और बेलगावी जेल से चाकू, गांजा और मोबाइल फोन बरामद हुए. जेल डीजीपी आलोक कुमार के 'स्पेशल ऑपरेशन' ने जेल के भीतर चल रहे इस आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया.

Karnataka Jail Raid: 'जेल ब्रेक' की तैयारी या खूनी गैंगवार की प्लानिंग? बैरक से निकले दर्जनों चाकू-मोबाइल, DGP बोले- ये तो शुरुआत है
कर्नाटक की जेलों में DGP की रेड: 36 घंटे की छापेमारी में गांजा, चाकू और मोबाइल बरामद; बेंगलुरु और मैसूर जेल में सबसे बड़ा एक्शन!
Karnataka Jail Raid

Bengaluru News: कर्नाटक की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए एक ऐसी सच्चाई सामने आई है, जिसने राज्य के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है. पिछले 36 घंटों से राज्य की अलग-अलग जेलों में चल रहे एक 'विशेष सघन अभियान' (Special Intense Drive) में जेल अधिकारियों ने वह सब बरामद किया है, जो सलाखों के पीछे मौत का सामान माना जाता है.

36 घंटे, 5 जेलें और नशे का जखीरा 

कर्नाटक के डीजीपी (कारागार) आलोक कुमार के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान ने अपराधियों के उस नेटवर्क को तोड़ दिया है, जो जेल के भीतर बैठकर बाहर की दुनिया को कंट्रोल कर रहे थे. बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा (बेंगलुरु सेंट्रल जेल) से लेकर मैसूर, बेलगावी, मैंगलोर और विजयपुरा तक पुलिस की रेड में मोबाइल फोन, सिम कार्ड, धारदार चाकू और भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ है.

बेंगलुरु और मैसूर बने 'कम्युनिकेशन हब'

हैरानी की बात यह है कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल से 6 मोबाइल फोन और 4 चाकू मिले हैं, जो जेल के भीतर किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं. वहीं, मैसूर जेल तो 'मोबाइल की दुकान' साबित हुई, जहां से 9 मोबाइल फोन और 11 सिम कार्ड जब्त किए गए. सवाल यह उठता है कि जैमर और हाई-टेक सुरक्षा के बावजूद ये सिम कार्ड जेल के भीतर कैसे एक्टिव थे?

बेलगावी: 'आसमान से बरस रहा था नशा'

इस छापेमारी का सबसे चौंकाने वाला पहलू बेलगावी जेल में देखने को मिला. यहां पुलिस ने 366 ग्राम गांजा और 4 मोबाइल फोन बरामद किए. जांच में पता चला कि ये प्रतिबंधित सामान बाहरी तत्वों द्वारा दीवार फांदकर जेल परिसर के भीतर फेंके गए थे. पुलिस अब उन 'बाहरी मददगारों' की तलाश कर रही है जो जेल की दीवारों को पार कर सप्लाई पहुंचा रहे थे.

डीजीपी का कड़ा संदेश: 'यह तो बस शुरुआत है'

डीजीपी आलोक कुमार ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इस कार्रवाई की पुष्टि की. उन्होंने साफ शब्दों में अपराधियों और लापरवाह कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा, 'हमारे प्रयास जारी रहेंगे.' इस कार्रवाई के बाद अब जेल प्रशासन के भीतर उन काली भेड़ों की तलाश शुरू हो गई है, जिनकी मिलीभगत के बिना इतना सामान बैरक तक पहुंचना नामुमकिन था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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