पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा हाल ही में एक नियम में बदलाव किए जाने के बाद मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी द्वारा अपने अनाथालयों से बच्चे गोद देने पर रोक लगाने का समर्थन किया है।
बनर्जी ने ट्वीट किया, 'हम गोद लेने के कार्यक्रम से बाहर होने के मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी और सिस्टर प्रेमा का पूरा समर्थन करते हैं। उनके पास ऐसा करने का अधिकार है।' उन्होंने कहा, 'भारत की मूल पहचान विविधता में एकता है। यह हमारे महान देश का स्तंभ है।'
गोद लिए जाने से जुड़े दिशानिर्देशों में केंद्र द्वारा बदलाव किए जाने के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने दो माह पहले अपने अनाथालयों में गोद लेने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस संस्था की स्थापना दिवंगत मदर टेरेसा ने की थी।
बयान में कहा गया कि 'केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक अधिसूचना के तहत जारी किए गए नए 'बच्चों को गोद लिए जाने से जुड़े दिशानिर्देश, 2015' जैसे ही हमें मिले, उसके कुछ ही समय बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी के कोलकाता स्थित मुख्यालय में यह फैसला किया गया।'
संस्था द्वारा यह कदम दरअसल जुलाई में नए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किए जाने के बाद उठाया गया। नए दिशानिर्देश एकल अभिभावकों (अलग रह रहे, तलाकशुदा, अविवाहित मांओं) को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिये बच्चा गोद लेने के योग्य बताते हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वे उन बाल देखभाल गृहों की पहचान करेंगे, जो किशोर न्याय कानून के संशोधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे। इनमें मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे अनाथालय भी शामिल हैं।
बनर्जी ने ट्वीट किया, 'हम गोद लेने के कार्यक्रम से बाहर होने के मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी और सिस्टर प्रेमा का पूरा समर्थन करते हैं। उनके पास ऐसा करने का अधिकार है।' उन्होंने कहा, 'भारत की मूल पहचान विविधता में एकता है। यह हमारे महान देश का स्तंभ है।'
गोद लिए जाने से जुड़े दिशानिर्देशों में केंद्र द्वारा बदलाव किए जाने के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने दो माह पहले अपने अनाथालयों में गोद लेने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस संस्था की स्थापना दिवंगत मदर टेरेसा ने की थी।
बयान में कहा गया कि 'केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक अधिसूचना के तहत जारी किए गए नए 'बच्चों को गोद लिए जाने से जुड़े दिशानिर्देश, 2015' जैसे ही हमें मिले, उसके कुछ ही समय बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी के कोलकाता स्थित मुख्यालय में यह फैसला किया गया।'
संस्था द्वारा यह कदम दरअसल जुलाई में नए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किए जाने के बाद उठाया गया। नए दिशानिर्देश एकल अभिभावकों (अलग रह रहे, तलाकशुदा, अविवाहित मांओं) को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिये बच्चा गोद लेने के योग्य बताते हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वे उन बाल देखभाल गृहों की पहचान करेंगे, जो किशोर न्याय कानून के संशोधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे। इनमें मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे अनाथालय भी शामिल हैं।
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