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This Article is From Jun 28, 2017

'मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाना चाहती हूं', मिस इंडिया वर्ल्ड मानुषी छिल्लर

इस वर्ष मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली मानुषी छिल्लर का कहना है कि वह मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को लेकर महिलाओं में जागरूकता फैलाना चाहती हैं. 

'मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाना चाहती हूं', मिस इंडिया वर्ल्ड मानुषी छिल्लर
हरियाणा की मानुषी छिल्लर 54वें फेमिना मिस इंडिया-2017 की विजेता बनी हैं
नई दिल्ली: इस वर्ष मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली और चिकित्सा विज्ञान में अध्ययनरत 20 वर्षीय मानुषी छिल्लर का पूरा ध्यान अब भारत के लिए मिस वर्ल्ड खिताब जीतने पर है, लेकिन अपने निजी जीवन के उद्देश्य के बारे में छिल्लर का कहना है कि वह अपनी 'शक्ति परियोजना' के जरिए मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को लेकर महिलाओं में जागरूकता फैलाना चाहती हैं. 

मानुषी ने इस खिताब के साथ आने वाली सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में बात करते हुए बताया, "एक व्यक्ति के तौर पर मुझे हमेशा से अपने देश और शेष दुनिया में मासिक धर्म को लेकर लचर देखरेख परेशान करता रहा है. यह एक ऐसा काम है, जिसे मैं आगे बढ़ाना चाहूंगी."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस संबंध में हर महिला को जागरूक बनाना आधारभूत तौर पर जरूरी है. मैंने 'शक्ति परियोजना' नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके जरिए मैं मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में महिलाओं को जागरूक कर रही हूं, क्योंकि इस मुद्दे को मैं बेहद जरूरी समझती हूं."

मानुषी मुंबई में रविवार को यशराज स्टूडियो में आयोजित 54वें फेमिना मिस इंडिया-2017 की विजेता घोषित की गईं. जम्मू-कश्मीर की सना दुआ दूसरे और बिहार की प्रियंका कुमारी तीसरे स्थान पर रहीं.

मानुषी को नृत्य, गायन, कविता लिखने और चित्रकारी का शौक है. उनके मुताबिक, "कुछ भी करने की कोई सीमा नहीं होती. हम सीमा से परे हैं और हमारे सपने भी अनंत हैं, हमें खुद पर कभी भी संदेह नहीं करना चाहिए."

उनके माता-पिता ने इसी सोच के साथ हरियाणा में उनकी परवरिश की, जो 2011 की जनगणना में सबसे खराब लैंगिक अनुपात वाला राज्य रहा. उनका कहना है कि वह हमेशा से खुशकिस्मत रही हैं.

मानुषी के मुताबिक, "मैं खुशकिस्मत हूं क्योंकि कभी भी मुझे बैठकर अपने माता-पिता को बताना नहीं पड़ा कि मैं क्या करना चाहती हूं. वे बस मेरी प्रतिभा पर नजर रखते थे. वे जानते थे कि मैं क्या चाहती हूं. बचपन से ही वे मुझसे कहते थे, 'कुछ भी करने की कोई सीमा नहीं होती, अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहसी बनो'. मेरे साथ बस ऐसा ही हुआ, मुझे कभी भी नहीं लगा कि मैं ऐसा नहीं कर सकती. इसलिए यह सोच मेरे लिए अच्छी साबित हुई."

मॉडलिंग की दुनिया उनके परिवार के लिए नई है. उन्होंने बताया कि वह ऐसे परिवार से आती हैं, जहां लोग शिक्षा में भरोसा करते हैं और वे मनोरंजन उद्योग या सौंदर्य प्रतियोगिता में कदम नहीं रखते. अपने परिवार और दोस्तों में मॉडलिंग की दुनिया में आने वाली वह पहली शख्स हैं. मानुषी जहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं, वहीं उनकी बहन वकालत में अध्ययनरत हैं और उनका छोटा भाई अभी स्कूल में है. अच्छा अवसर मिलने पर मानुषी बॉलीवुड में आने के लिए भी तैयार हैं.

फिलहाल उनका पूरा ध्यान भारत के लिए विश्व सुंदरी का खिताब जीतने पर है. प्रियंका चोपड़ा के बाद से इस खिताब को किसी भारतीय सुंदरी ने नहीं जीता है. प्रियंका ने यह ताज 2000 में जीता था. उनसे पहले यह खिताब रीता फारिया (1966), ऐश्वर्य राय (1994), डायना हेडन (1997) और युक्ता मुखी (1999) जीत चुकी हैं. मानुषी ने बताया कि 1966 की मिस वर्ल्ड रीता फारिया उनकी प्रेरणास्रोत हैं.

उन्होंने कहा, "रीता न सिर्फ मिस वर्ल्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला बनीं, बल्कि इस खिताब को उन्होंने हासिल भी किया और जब वह मिस वर्ल्ड की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गईं, तो उन्होंने अपने जुनून को पूरा किया, वह चिकित्सक बनना चाहती थी और वह बनीं भी."

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी भी यही योजना है तो मानुषी ने कहा कि वह अपनी पढ़ाई जरूर पूरा करेंगी, लेकिन फिलहाल वह देश का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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