कोरोना वायरस की वजह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का कहर प्रवासी भारतीयों पर कहर टूट रहा है. कई दिनों से पैदल चलते प्रवासी मजदूरों का सब्र का बांध भी अब टूटता जा रहा है. उत्तर प्रदेश के कोसीकलां में हरियाणा और दिल्ली से आ रहे 10 से 12 हज़ार मज़दूर शेल्टर होम से निकलकर अचानक सड़क पर आ गए,शिकायत करने लगे कि व्यवस्था खराब है जल्दी घर जाना है. बड़ी तादात में भूखे-प्यासे मजदूरों नेशनल हाईवे पर लगे बैरिकेड को तोड़कर दौड़ लगाना शुरू कर दिया. हजारों की संख्या में दौड़ लगाते इन मजदूरों को पुलिस और प्रशासन पर न ही भरोसा है और न ही किसी तरह का डर. यह किसी भी हाल में अपने घर पहुंचना चाहते हैं.
यूपी के कोसीकलां में मजदूरों का हाल, हरियाणा और दिल्ली से आ रहे 10 से 12 हज़ार मज़दूर शेल्टर होम से निकलकर अचानक सड़क पर आ गए,शिकायत करने लगे कि व्यवस्था खराब है जल्दी घर जाना है, फिर क्या हुआ देखिये pic.twitter.com/6hP1vyBjEm
— Mukesh singh sengar मुकेश सिंह सेंगर (@mukeshmukeshs) May 17, 2020
भले ही उत्तर प्रदेश सरकार इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए लाख व्यवस्थाओं का दावा कर रही हो लेकिन ये तस्वीरें खुद बयां कर रही हैं कि जो सरकार और प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की गई हैं वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. कई दिनों से बॉर्डर पर पड़े श्रमिकों को ना तो खाना मिल रहा है और ना पान. ऐसे में अपने भूख और प्यास से परेशान बच्चों को लेकर इन मजदूरों ने पैदल ही अपने घर तक पहुंचने का रास्ता अपनाया है.
प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ व्यवस्थाओं का दावा करते नजर आ रहे हैं लेकिन धरातल पर यह व्यवस्था बौनी साबित होती नजर आ रही है. प्रसाशनिक अधिकारी कागजों पर स्थिति नियंत्रित दिखा रहे हैं लेकिन वास्तविकता इससे कोसो दूर है. मजदूरों के लिए व्यवस्था का खासा अभाव देखने को मिल रहा है. खाने और पानी के लिए मजदूर तड़प रहे हैं. ऐसे में सवाल यही खड़ा होता कि अगर सभी व्यवस्थाएं ठीक थी तो इस तस्वीर के हर तरह अफरा तफरी का माहौल नजर आ रहा है.
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