मुंबई:
कल्याण से सटे मुरबाड इलाके में तेंदुए की दहशत ने लोगों की नींद उड़ा दी है. नरभक्षी तेंदुआ अब तक दो लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. आलम यह है कि प्रशासन को इलाके में पुलिस और एसआरपीएफ के सैकड़ों जवानों को तैनात करना पड़ा है. कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है. लेकिन दो दिनों की मशक्कत के बाद भी आदमखोर तेंदुआ वन विभाग की पकड़ में नहीं आ सका है. मजबूर होकर उसे गोली मारने का आदेश दे दिया गया है.
तेंदुए ने सबसे ज्यादा आतंक कोलेवाड़ी गांव में मचाया है. दोनों मौतें इसी गांव के निवासियों की हुई हैं. तेंदुए ने पहले 65 साल की मीरा बाई वारे को निशाना बनाया. फिर एक दिन बाद जंगल में भेड़ चराने गए चरवाहे बारकु भोईर को मार खाया. गांव की मुर्गियों और दूसरे जानवरों को भी तेंदुआ कई बार निशाना बना चुका है.
कोलेवाड़ी कल्याण से करीब 80 किलो मीटर दूर मुरबाड के जगलों में है. यह इलाका वन विभाग के तहत आता है. गांव वालों का आरोप है कि वन विभाग के लोग दूसरे इलाकों में पकड़े गए तेंदुए यहां के जंगल में लाकर छोड़ते हैं. इसके नतीज में आज उनकी जान पर बन आई है. मृतकों के परिवार वालों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही ही उनके परिजनों की मौत के लिए जिम्मेदार है.
नाराज गांव वालों ने वनविभाग की दो गाड़ियों को निशाना बनाया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में पांच पिंजरे लगाए गए उसकी धरपकड़ की कोशिश भी हुई लेकिन अभी तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है. सिर्फ सीसीटीवी कैमरे में उसकी तस्वीर कैद हो पाई है.
तेंदुए ने सबसे ज्यादा आतंक कोलेवाड़ी गांव में मचाया है. दोनों मौतें इसी गांव के निवासियों की हुई हैं. तेंदुए ने पहले 65 साल की मीरा बाई वारे को निशाना बनाया. फिर एक दिन बाद जंगल में भेड़ चराने गए चरवाहे बारकु भोईर को मार खाया. गांव की मुर्गियों और दूसरे जानवरों को भी तेंदुआ कई बार निशाना बना चुका है.
कोलेवाड़ी कल्याण से करीब 80 किलो मीटर दूर मुरबाड के जगलों में है. यह इलाका वन विभाग के तहत आता है. गांव वालों का आरोप है कि वन विभाग के लोग दूसरे इलाकों में पकड़े गए तेंदुए यहां के जंगल में लाकर छोड़ते हैं. इसके नतीज में आज उनकी जान पर बन आई है. मृतकों के परिवार वालों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही ही उनके परिजनों की मौत के लिए जिम्मेदार है.
नाराज गांव वालों ने वनविभाग की दो गाड़ियों को निशाना बनाया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में पांच पिंजरे लगाए गए उसकी धरपकड़ की कोशिश भी हुई लेकिन अभी तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है. सिर्फ सीसीटीवी कैमरे में उसकी तस्वीर कैद हो पाई है.
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