जून में काफी अच्छी बारिश दर्ज की गई
नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने अगले दो महीने में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है और कृषि मंत्रालय को आकस्मिक योजना के साथ तैयार रहने की सलाह दी है। हालांकि जून में काफी अच्छी बारिश हुई है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर के मुताबिक जुलाई और अगस्त के महीने में क्रमश: आठ और दस फीसदी कम बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि जून में काफी अच्छी बारिश हुई है। यह बुआई का मौसम भी था, लेकिन हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए और एक आकस्मिक योजना बनानी चाहिए, क्योंकि जुलाई और अगस्त में जून के बराबर बारिश होने की संभावना नहीं है।
राठौर ने बताया कि हालांकि यह राहत की बात है कि मॉनसून पूर्व की बारिश से कुछ जलाशय भर गए हैं। दूसरी ओर, निजी मौसम भविष्यवाणी एजेंसी 'स्काईमेट' ने जुलाई में सामान्य से अधिक (104 फीसदी) तथा अगस्त (99 फीसदी) और सितम्बर में (96 फीसदी) सामान्य बारिश की संभावना व्यक्त की है।
भारतीय मौसम विभाग ने इस साल सामान्य की तुलना में 88 फीसदी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है जो कि कम है। उसके अनुसार देश के अधिकांश भागों, खासकर उत्तर पश्चिम भारत को कम बारिश का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि जून में सामान्य से 28 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।
राठौर ने किसानों से मौसम की भविष्यवाणी को ध्यान में रखकर काफी समझ बूझकर अपनी फसल चुनने को कहा है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, जिस क्षेत्र में आमतौर पर 100 से 110 मिलिमीटर बारिश होती है, उसमें सिर्फ 60 से 70 मिलिमीटर बारिश हुई है, इसलिए वहां के किसानों को धान की जगह मक्की उगाना चाहिए।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर के मुताबिक जुलाई और अगस्त के महीने में क्रमश: आठ और दस फीसदी कम बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि जून में काफी अच्छी बारिश हुई है। यह बुआई का मौसम भी था, लेकिन हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए और एक आकस्मिक योजना बनानी चाहिए, क्योंकि जुलाई और अगस्त में जून के बराबर बारिश होने की संभावना नहीं है।
राठौर ने बताया कि हालांकि यह राहत की बात है कि मॉनसून पूर्व की बारिश से कुछ जलाशय भर गए हैं। दूसरी ओर, निजी मौसम भविष्यवाणी एजेंसी 'स्काईमेट' ने जुलाई में सामान्य से अधिक (104 फीसदी) तथा अगस्त (99 फीसदी) और सितम्बर में (96 फीसदी) सामान्य बारिश की संभावना व्यक्त की है।
भारतीय मौसम विभाग ने इस साल सामान्य की तुलना में 88 फीसदी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है जो कि कम है। उसके अनुसार देश के अधिकांश भागों, खासकर उत्तर पश्चिम भारत को कम बारिश का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि जून में सामान्य से 28 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।
राठौर ने किसानों से मौसम की भविष्यवाणी को ध्यान में रखकर काफी समझ बूझकर अपनी फसल चुनने को कहा है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, जिस क्षेत्र में आमतौर पर 100 से 110 मिलिमीटर बारिश होती है, उसमें सिर्फ 60 से 70 मिलिमीटर बारिश हुई है, इसलिए वहां के किसानों को धान की जगह मक्की उगाना चाहिए।