कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके घर में शिफ्ट कर दिया गया. उन्हें जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया है. हालांकि, उनकी हिरासत उनके घर में भी जारी रहेगी. इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद मार्च के आखिरी सप्ताह में हिरासत से रिहा कर दिया गया. उनके खिलाफ जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाकर उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया था. रिहा होने के बाद उन्होंने कहा था कि पहला काम कोविड-19 से मुकाबला करना है और वह राजनीतिक हालात पर विस्तार से बाद में बात करेंगे. उमर अब्दुल्ला से पहले उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को 221 दिन की हिरासत में रखने के बाद 13 मार्च को रिहा कर दिया गया था.
पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के फैसले के बाद महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था.
हिरासत से रिहा होने के बाद उमर ने पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत हिरासत में बंद अन्य सभी लोगों को रिहा करने की भी मांग की थी. उमर अब्दुल्ला ने रिहा होने के बाद कहा था कि इस केंद्रशासित प्रदेश के भीतर एवं बाहर हिरासत में रखे गए लोगों की रिहाई के साथ ही हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की जाए.
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