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This Article is From Jun 08, 2021

ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते ही दवा की किल्लत, बिहार ने कहा- मंगलवार तक करना पड़ेगा इंतजार

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि मंगलवार को सभी अस्पतालों को जरूरी इंजेक्शन मुहैया कराए जाएंगे.

ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते ही दवा की किल्लत, बिहार ने कहा- मंगलवार तक करना पड़ेगा इंतजार
प्रतीकात्मक तस्वीर.
पटना:

एक तरफ जहां बिहार (bIHAR) में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है तो दूसरी ओर राज्य को दवाइयों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 300 से अधिक मरीजों के लिए लगातार दो दिनों तक एंटिफंगल इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं भेजी है.  शनिवार को आपूर्ति  कम होने के कारण, राज्य के अस्पतालों में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी (Liposomal Amphotericin B) इंजेक्शन की कमी देखी गयी गई.  आपको बता दें कि यह इंजेक्शन ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस के लिए सबसे प्रभावी उपचार है. वहीं, राज्य सरकार ने मंगलवार से आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया है.

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि मंगलवार को सभी अस्पतालों को जरूरी इंजेक्शन मुहैया कराए जाएंगे. उन्होंने कहा ''केंद्र सरकार ने हमें आश्वासन दिया है.''राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उनके हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि केंद्र सरकार एकमात्र खरीद के लिए एजेंसी है और वे पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं. 

आपको बता दें  कि पटना के दो प्रमुख अस्पतालों, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान या आईजीआईएमएस ने शनिवार को दवा प्राप्त की. लेकिन शीशियों की संख्या सीमित थी, जो दो अस्पतालों में भर्ती 200 से अधिक मरीजों की आवश्यकता से बहुत कम थी. 

पटना एम्स जिसने ब्लैक फंगस के 60 से अधिक रोगियों का ऑपरेशन किया था और अब 110 मरीज भर्ती हैं, जिसे एक दिन में कम से कम 700 शीशियों की आवश्यकता होती है. लेकिन इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं होने की वजह से अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उनके लिए इलाज जारी रखना मुश्किल होता जा रहा है.पटना एम्स के नोडल अधिकारी डॉ संजीव कुमार ने कहा, "हम नियमित रूप से ऑपरेशन कर रहे हैं और किसी भी मरीज को उचित देखभाल से वंचित नहीं कर रहे हैं. हमने उन्हें पॉसकोनाज़ोल टैबलेट पर रखा है, जो एक स्टॉप गैप व्यवस्था है.

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बिहार के सरकारी अस्पताल IGIMS में ब्लैक फंगस के 156 मामले सामने आए. उनमें से 102 मरीज अभी भी भर्ती हैं और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि उन्हें एक दिन में 500 शीशियों की जरूरत है. 

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