विस्थापितों की समस्या को लेकर मेधा पाटकर पिछले 9 दिनों से अनशन पर हैं
भोपाल:
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई. इस सरोवर की जद में 192 गांव आए हैं. कुछ दिनों बाद इस इलाके में न केवल ये गांव डूबल जाएंगे बल्कि यहां से जुड़ी एक भाषा और एक संस्कृति की भी मौत हो जाएगी.
सरदार सरोवर के डूब क्षेत्र में आ रहे गांधी स्मारक को हटाने पर हंगामा
मेधा के धरने के दौरान क्षेत्र में नौ दिनों से कैंप लगाए अपर कलेक्टर डीके नागेन्द्र ने बताया कि मेधा पाटकर का मेडिकल परीक्षण किया गया था. उसमें ग्लुकोस की कमी और लो ब्लड प्रेशर (रक्तचाप की कमी) की रिपोर्ट आई थी.
सुबह भी पुनः दोबारा मेडिकल के लिए टीम गई लेकिन, मेधा एवं उनके साथ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे अन्य आंदोलनकारियों ने मेडिकल कराने से मना कर दिया.
उधर, नागेन्द्र ने दावा किया कि प्रभावित लोग बडी संख्या में पुनर्वास स्थलों पर पहुंच रहे हैं. सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिये उचित पुनर्वास की मांग को लेकर 27 जुलाई से मेधा अपने 11 अन्य साथियों के साथ ग्राम चिखल्दा में अनशन पर बैठी हैं.
VIDEO: अनशन के नौवें दिन मेधा पाटकर की तबियत और बिगड़ी इधर, सरदार सरोवर बांध के गेट लगने के बाद लगातार नर्मदा का जल स्तर बढ रहा है. इससे डूब प्रभावित लोगों में जहां चिंता की लकीरें हैं, वहीं प्रशासन भी पुनर्वास के कामों को करने में तेजी से लगा हुआ है. शुक्रवार को नर्मदा बचाओ आंदोलनकारी बड़ी संख्या में निसरपुर जनपद कार्यालय पहुंचे. वहां पर उन्होंने नारेबाजी की और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाने की मांग की.
(इनपुट भाषा से)
सरदार सरोवर के डूब क्षेत्र में आ रहे गांधी स्मारक को हटाने पर हंगामा
मेधा के धरने के दौरान क्षेत्र में नौ दिनों से कैंप लगाए अपर कलेक्टर डीके नागेन्द्र ने बताया कि मेधा पाटकर का मेडिकल परीक्षण किया गया था. उसमें ग्लुकोस की कमी और लो ब्लड प्रेशर (रक्तचाप की कमी) की रिपोर्ट आई थी.
सुबह भी पुनः दोबारा मेडिकल के लिए टीम गई लेकिन, मेधा एवं उनके साथ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे अन्य आंदोलनकारियों ने मेडिकल कराने से मना कर दिया.
उधर, नागेन्द्र ने दावा किया कि प्रभावित लोग बडी संख्या में पुनर्वास स्थलों पर पहुंच रहे हैं. सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिये उचित पुनर्वास की मांग को लेकर 27 जुलाई से मेधा अपने 11 अन्य साथियों के साथ ग्राम चिखल्दा में अनशन पर बैठी हैं.
VIDEO: अनशन के नौवें दिन मेधा पाटकर की तबियत और बिगड़ी इधर, सरदार सरोवर बांध के गेट लगने के बाद लगातार नर्मदा का जल स्तर बढ रहा है. इससे डूब प्रभावित लोगों में जहां चिंता की लकीरें हैं, वहीं प्रशासन भी पुनर्वास के कामों को करने में तेजी से लगा हुआ है. शुक्रवार को नर्मदा बचाओ आंदोलनकारी बड़ी संख्या में निसरपुर जनपद कार्यालय पहुंचे. वहां पर उन्होंने नारेबाजी की और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाने की मांग की.
(इनपुट भाषा से)
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