- लग्नाजिता चक्रवर्ती के कॉन्सर्ट में एक व्यक्ति ने उन्हें गाना गाने के दौरान मारने की कोशिश की
- हमलावर ने जागो मां गाने को धार्मिक बताकर विरोध जताया जबकि गाना नारी शक्ति और मातृत्व का प्रतीक है
- गीतकार रितम सेन ने कहा कि जागो मां गाना देवी दुर्गा पर नहीं बल्कि बंकिम चंद्र के ऐतिहासिक उपन्यास पर आधारित है
बंगाल की मशहूर सिंगर लग्नाजिता चक्रवर्ती के एक कॉन्सर्ट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक शख्स ने उन पर हमला करने की कोशिश की. हैरान करने वाली बात यह है कि हमलावर लग्नाजिता के गाए गए गाने 'जागो मां' को धार्मिक बताकर विरोध कर रहा था, जबकि गाने के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है. इसके बाद सिंगर को परेशान करने के आरोप में उस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
क्या है पूरा विवाद?
शनिवार को पूर्वी मेदिनीपुर के भगवानपुर में एक प्राइवेट स्कूल के प्रोग्राम में लग्नाजिता परफॉर्म कर रही थीं. जैसे ही उन्होंने अपना सातवां गाना 'जागो मां' खत्म किया, एक शख्स अचानक स्टेज पर चढ़ आया और उन्हें मारने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि वह सिंगर के 'सेकुलर' गाना न गाकर 'धार्मिक' गाना गाने से नाराज था. हालांकि, पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
'वह मुझे पीटने के लिए दौड़ पड़ा'
लग्नाजिता ने आपबीती बताते हुए कहा, "मैं सातवें गाने के बाद ऑडियंस से बात कर रही थी और उन्हें गाने के बारे में बता रही थी, तभी वह आदमी स्टेज पर दौड़ता हुआ आया. वह मुझे मारना चाहता था."
'जागो मां, देवी दुर्गा नहीं, नारी शक्ति का है प्रतीक'
विवाद जिस गाने पर हुआ, वह फिल्म 'देवी चौधुरानी' का है. इस गाने को लेकर चल रही गलतफहमी पर गीतकार रितम सेन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "लग्नाजिता के शो के दौरान जो हुआ वह मंजूर नहीं है. यह समझने की जरूरत है कि जिस गाने 'जागो मां' के लिए सिंगर को निशाना बनाया गया, वह किसी देवी के बारे में बिल्कुल नहीं था. यह मातृत्व और नारी शक्ति को समर्पित है. यह बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के ऐतिहासिक किरदारों पर आधारित है, इसे धर्म के चश्मे से देखना गलत है."
रितम ने आगे बताया, "यह गाना फिल्म के प्रमोशनल वीडियो के तौर पर फिल्माया गया था और स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था. यह गाना देवी चौधुरानी के आइकॉनिक किरदार पर आधारित था, न कि मां दुर्गा पर."
बंगाली एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी और सरबंती चटर्जी स्टारर देवी चौधुरानी फिल्म का निर्देशन शुभ्रजीत मित्रा ने किया है. यह एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के कपालकुंडला उपन्यास पर आधारित है.
जहां की कहानी, वहीं हुआ विरोध
बता दें कि फिल्म देवी चौधुरानी का संबंध पूर्वी मेदिनीपुर के कांथी इलाके से है. लग्नाजिता जहां परफॉर्म कर रही थीं, वहां से कपालकुंडला मंदिर सिर्फ 45 किमी दूर है. अपनी ही मिट्टी की विरासत और इतिहास पर आधारित गाने को सांप्रदायिक रंग देना चर्चा का विषय बन गया है.
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