बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा. उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती का कहा है कि कांग्रेस बुरे दिन में दलितों को प्रमुख स्थान देती है और अच्छे दिन आने पर दरकिनार कर देती है. मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है.
दलित नेताओं को क्या बोलीं मायावती
इसी के साथ मायावती ने कहा कि लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं. इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है." आगे कहा, "ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए. क्योंकि परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्मसम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था.
दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की सलाह
जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था. ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह है." उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरूद्ध रही हैं. राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही ऐलान कर दिया है. ऐसी संविधान, आरक्षण व एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें.
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