उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर उदासीन तथा असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस आलाकमान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के बड़े नेता चुप्पी साधे हुए हैं. मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा ''अच्छा होता कि वह उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान जातीं और उन गरीब पीड़ित माओं से मिलतीं.''
योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर सोनिया और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ''कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुखद और हृदय विदारक है. माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं''.
कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं।
उन्होंने लिखा, ''राजस्थान में कांग्रेसी सरकार, वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उदासीनता, असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है. अपने तीसरे ट्वीट में योगी ने लिखा, प्रियंका गांधी वाड्रा अगर यूपी में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती''.
राजस्थान में कांग्रेसी सरकार, वहां के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की उदासीनता, असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं,जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
इनको किसी की न चिंता है,न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।
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उन्होंने गुरूवार को ट्वीट में कहा, ''कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं की गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक है. उस पर वहां के मुख्यमंत्री गहलोत और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील तथा गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है.''
1. कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
मायावती ने अगले ट्वीट में कहा, ''उससे भी ज्यादा दुःखद है कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना. अच्छा होता कि वह उप्र की तरह राजस्थान जा कर उन गरीब पीड़ित माओं से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई.''
2. किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
एक अन्य ट्वीट में BSP नेता ने कहा, ''यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ''माओं'' से नहीं मिलती हैं तो उप्र में किसी भी मामले में पीड़ितों के परिवार से उनकी मुलाकात राजनैतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे जनता को सर्तक रहना है.''
3. यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘‘माओं‘‘ से नहीं मिलती हैं तो यहाँ अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
गौरतलब है कि दिसंबर के आखिरी 2 दिनों में 9 नवजातों की मौत हो गई थी. वहीं इससे पहले 23 और 24 दिसंबर को भी अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत हुई थी. कोटा में केवल दिसंबर में ही 100 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं. अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार अधिकतर शिशुओं की मौत मुख्यत: जन्म के समय कम वजन के कारण हुई.
Video: राजस्थान के कोटा में 100 बच्चों की मौत हो चुकी है
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