
Mountain Fire: राजस्थान के माउंट आबू और बिहार के मंदार पर्वत पर भीषण आग लग गई. आग की ऊंची-ऊंची लपटों को देखकर आसपास के लोग सहम उठे. जंगल की आग बड़ी तेजी से फैलती है. ऐसे में लोगों को डर लगने लगा कि कहीं ये आग रिहायशी इलाकों तक न पहुंच जाए. माउंट आबू में आग को काबू करने के लिए प्रशासन को सेना की मदद लेनी पड़ी. उधर, मंदार पर्वत पर आग बुझाने के लिए दमकलकर्मी कोशिश कर रहे हैं. आखिर, माउंट आबू और मंदार पर्वत में इतनी भीषण आग कैसे लग गई... आइए जानने की कोरिश करते हैं.
माउंट आबू में सेना संभाला मोर्चा
माउंट आबू के जंगलों में लगी आग ने जब भीषण रूप धारण कर लिया, तो प्रशासन मजबूर नजर आया और भारतीय सेना को बुलाना पड़ा. सेना ने काफ़ी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है. अब बस आग को ठंडा करने का काम किया जा रहा है. इससे पहले आग के धंए ने आसपास के लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया था. लेकिन गर्मियों की शुरुआत में ऐसी घटनाएं होना पर्यावरण के लिए बेहद चिंता का विषय है. हालांकि, आग कैसे लगी, इसका कारण अभी तक सामने नहीं आया है. इधर माउंट आबू का तापमान भी अभी तक इतना नहीं बढ़ा है कि ऐसी भीषण आग लग सके. 29 मार्च को दोपहर करीब 2 बजे माउंट आबू के छीपावेरी के पास घने जंगल में आग लगी थी. इसके बाद माउंट आबू मिलिट्री स्टेशन से दो सैन्य टुकड़ियां तुरंत भेजीं, जिनमें प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मी शामिल थे.

मंदार पर्वत को किसने दहकाया?
बिहार के बांका जिले के बौसी में स्थित ऐतिहासिक मंदार पर्वत पर रविवार की शाम भीषण आग लग गई. ऐसे में दमकल की कई गाड़ियों को आग बुझाने के लिए भेजा गया. दमकल विभाग की तीन गाड़ियां आग बुझाने लगी हैं. बताया जा रहा है कि रविवार (30 मार्च) की शाम में अचानक आग लगने लगने से वहां हड़कंप मच गया. जिसके बाद आनन-फानन में बाराहाट से अंचलाधिकारी के द्वारा दमकल भेजा गया. आग के कारण दूर-दूर तक धुंए का गुबार छा गया है. इससे स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है. आग के कारण का तो अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि असामाजिक तत्वों ने आग लगाई है. वैसे बता दें कि अक्सर मंदार गर्मियों में मंदार पर्वत पर आग लगती है. 2 साल पहले भी मंदार पर्वत पर भीषण आग लग गई थी, जिसे काफी मशक्त करने के बाद बुझाया गया था.

भारत के पहाड़ों में आग क्यों लगती है?
- पहाड़ों में सूखे पत्ते और टहनियां आग लगने के लिए ईंधन का काम करते हैं.
- गर्मियों के मौसम में बिजली के तड़के पहाड़ों में आग लगने का एक प्रमुख कारण हो सकते हैं.
- मानवीय गतिविधियां, जैसे कि धूम्रपान, आग जलाना, और अन्य गतिविधियां, पहाड़ों में आग लगने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.
- गर्मियों के मौसम में उच्च तापमान और शुष्क हवाएं पहाड़ों में आग लगने के लिए आदर्श परिस्थितियां प्रदान करती हैं.
- पहाड़ों में वनस्पति की सूखापन भी आग लगने का एक प्रमुख कारण हो सकती है.
- पहाड़ों में आग लगने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां, जैसे कि ढलान, हवा की दिशा, और वनस्पति की प्रकृति, आग लगने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.
गर्मियों में जंगल में आग
गर्मियों में जंगल में आग एक आम समस्या है, जो जंगलों के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है. यह आग कई कारणों से लग सकती है. गर्मियों में बड़े हुए तापमान और शुष्क हवाएं जंगल में आग लगने के लिए आदर्श परिस्थितियां पैदा करती हैं. मानवीय गतिविधियां, जैसे कि धूम्रपान, आग जलाना, और अन्य गतिविधियां, जंगल में आग लगने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. चीड़ के पेड़ से आग लगने की घटनाएं अक्सर होती हैं, खासकर गर्मियों के मौसम में ये घटनाएं बढ़ जाती हैं.
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