अक्षय कुमार और साइना नेहवाल शहीद सीआरपीएफ जवानों के परिवार की मदद के लिए सामने आए हैं
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अक्षय कुमार और साइना नेहवाल जैसे सेलिब्रिटी को भी 'चेतावनी' जारी कर रहे हैं.नक्सलियों ने सुकमा में मार्च में हुए हमले में शहीद सीआरपीएफ के 12 जवानों के परिवार की मदद करने वाले बॉलीवुड स्टार साइना नेहवाल और बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के प्रति नाराजगी जताई है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है.
जहां अक्षय कुमार ने हर जवान के परिवार को 9-9 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की थी वहीं साइना ने हर परिवार को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की बात कही है. माओवादियों (नक्सलियों) की ओर से बांटे गए पर्चों में कहा गया है, 'हम हमलों में मारे गए सीआरपीएफ जवानों के परिवार को दी जाने वाली वित्तीय मदद की कड़ी आलोचना करते हैं. हम बड़ी शख्सियतों, फिल्मी कलाकारों, खिलाड़ियों और सेलिब्रिटी से गरीब लोगों और क्रांति के समर्थन की अपील करते हैं. पुलिस के अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ इन्हें खड़ा होना चाहिए.'
रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के पर्चे बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्र में मिले हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, माओवादियों की यह अपील उनके दोहरे रुख और उनके क्रूर चेहरे को बताती है. जानकारी के अनुसार, प्रतिबंधित भाकपा (माले) की ओर से यह पर्चे वितरित किए गए हैं. नक्सलियों के अनुसार, जवानों को गरीबों और आदिवासियों पर किए गए अत्याचारों की सजा दी गई है.
जहां अक्षय कुमार ने हर जवान के परिवार को 9-9 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की थी वहीं साइना ने हर परिवार को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की बात कही है. माओवादियों (नक्सलियों) की ओर से बांटे गए पर्चों में कहा गया है, 'हम हमलों में मारे गए सीआरपीएफ जवानों के परिवार को दी जाने वाली वित्तीय मदद की कड़ी आलोचना करते हैं. हम बड़ी शख्सियतों, फिल्मी कलाकारों, खिलाड़ियों और सेलिब्रिटी से गरीब लोगों और क्रांति के समर्थन की अपील करते हैं. पुलिस के अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ इन्हें खड़ा होना चाहिए.'
रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के पर्चे बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्र में मिले हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, माओवादियों की यह अपील उनके दोहरे रुख और उनके क्रूर चेहरे को बताती है. जानकारी के अनुसार, प्रतिबंधित भाकपा (माले) की ओर से यह पर्चे वितरित किए गए हैं. नक्सलियों के अनुसार, जवानों को गरीबों और आदिवासियों पर किए गए अत्याचारों की सजा दी गई है.
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