हिंसाग्रस्त मणिपुर के इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में आज दोपहर तक कर्फ्यू में ढील

Manipur violence: मणिपुर में तीन मई को कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ था और तब से हिंसा की घटनाओं में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

हिंसाग्रस्त मणिपुर के इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में आज दोपहर तक कर्फ्यू में ढील

Manipur violence: इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू में ढील का समय तड़के पांच बजे से शाम छह बजे तक था.

इंफाल:

Manipur violence: मणिपुर के इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सोमवार तड़के पांच बजे से दोपहर तक कर्फ्यू में ढील दी गई है. इस संबंध में संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालयों ने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं.अधिसूचनाओं में कहा गया है, ‘‘आम लोगों के अपने घरों से बाहर निकलने पर लगाए गए प्रतिबंध पर सात अगस्त को तड़के पांच बजे से दोपहर तक छूट दी जाती है, ताकि वे दवाइयां और खाद्य सामग्री समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर सकें.''

शनिवार को कर्फ्यू में ढील का समय घटाया गया
बिष्णुपुर जिले में शनिवार को उग्रवादियों ने तीनों लोगों की उस समय हत्या कर दी थी, जब वे सो रहे थे. इसके बाद उनके शवों को तलवार से काट दिया गया था. इस घटना के बाद शनिवार को कर्फ्यू में ढील का समय कम करके तड़के पांच बजे से पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे तक कर दिया गया था.

हिंसा की घटनाओं में 160 से अधिक लोगों की मौत
इससे पहले इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू में ढील का समय तड़के पांच बजे से शाम छह बजे तक था. मणिपुर में तीन मई को कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ था और तब से हिंसा की घटनाओं में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

नगा संस्था ने बुधवार को व्यापक रैलियों का किया आह्वान
इसके अवाला मणिपुर में एक प्रभावशाली नगा संस्था ने रूपरेखा समझौते के आधार पर केंद्र के साथ जारी शांति वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा करने का दबाव बनाने के लिए पूर्वोत्तर राज्य के उन इलाकों में नौ अगस्त को बड़े पैमाने पर रैलियां आयोजित करने का आह्वान किया है, जहां नगा समुदाय के लोग रहते हैं. यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने एक बयान में बताया कि रैलियां बुधवार को सुबह 10 बजे से तामेंगलांग, सेनापति, उखरुल और चंदेल स्थित जिला मुख्यालयों में आयोजित की जाएंगी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

यूएनसी ने नगा समुदाय से रैलियों में शामिल होने की अपील की
उसने कहा, ‘‘अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने में अत्यधिक देरी चिंता का विषय है और इससे शांति वार्ता के पटरी से उतरने की आशंका है.''यूएनसी ने नगा समुदाय के सभी लोगों से बड़ी संख्या में रैलियों में शामिल होने की अपील की. इसमें कहा गया है कि केंद्र और एनएससीएन (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड)(आईएम) के बीच तीन अगस्त 2015 को ऐतिहासिक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर के साथ शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई.